बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2024 संसद से पारित, अब बैंक खाते या एफडी में चार लोगों को बना सकते हैं नॉमिनी

राज्यसभा ने बुधवार को बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 को पारित कर दिया, जिससे बैंकिंग नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे
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2025-03-26 21:01:49

राज्यसभा ने बुधवार को बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 को पारित कर दिया, जिससे बैंकिंग नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे। लोकसभा ने इस विधेयक को 3 दिसंबर, 2024 को पहले ही पारित कर दिया था। यह ग्राहकों के लिए बैंकिंग को और आसान बनाएगा।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा राज्‍यसभा में पेश बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2024 पारित हो गया, जिससे बैंकिंग नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे। इसको पिछले साल दिसंबर में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा ने पारित कर दिया था। इस विधयेक का उद्देश्य शासन मानकों में सुधार करना और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को बैंकों की रिपोर्टिंग में निरंतरता सुनिश्चित करना है। इसमें सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब आप अपने बैंक खाते या एफडी के लिए चार लोगों को नॉमिनी बना सकते हैं। बैंकों में नॉन-परफॉ‍र्मिंग एसेट (एनपीए) में भारी कमी वित्त मंत्री ने राज्यसभा में बैंकों में नॉन-परफॉ‍र्मिंग एसेट (एनपीए) में भारी कमी बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि आई है। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों के खिलाफ सख्त वसूली कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक पांच अलग-अलग अधिनियमों को प्रभावित करेगा, जो इसे अद्वितीय बनाता है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि यह विधयेक इसलिए भी अद्वितीय है, क्योंकि आठ टीमों ने इसके संशोधनों पर काम किया है, जिससे बजट भाषण के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यक परिवर्तन सुनिश्चित हुए हैं। नकद और सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट)के लिए एक साथ नामांकन की अनुमति राज्यसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 पर जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि इस विधयेक में नकद और सावधि जमा के लिए एक साथ नामांकन की अनुमति है। हालांकि, लॉकर के मामले में केवल एक साथ नामांकन की अनुमति है। इसके अलावा बीमा पॉलिसियों और अन्य वित्तीय साधनों में इसका पहले से ही उपयोग किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि कहा कि अगर आप पिछले पांच सालों पर नजर डालें तो पाएंगे कि प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक धोखाधड़ी से जुड़े करीब 112 मामलों को अपने हाथ में लिया है, जिनमें जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों से जुड़े मामले भी शामिल हैं। भारत ने 80 फीसदी से अधिक बैंक खाता खोलने का लक्ष्य किया हासिल उन्होंने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि 55 करोड़ जन-धन खाते खोले गए हैं, जिनमें से 55 फीसदी महिलाओं के पास हैं। उन्‍होंने सदन को बताया कि 2023 वित्तीय समावेशन के लिए वैश्विक भागीदारी रिपोर्ट कहती है कि डीपीआई का लाभ उठाकर भारत ने 80 फीसदी से अधिक बैंक खाता खोलने का लक्ष्य हासिल कर लिया है। उन्‍होंने कहा कि यह एक ऐसी उपलब्धि है, जिसे पारंपरिक तरीकों से हासिल करने में 47 साल लग जाते। हालांकि, चर्चा के दौरान राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चिंता जताते हुए कहा कि प्रस्तावित कानून तेजी से विकसित हो रहे वित्तीय परिदृश्य के साथ तालमेल बिठाने में विफल है। बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 क्या हैं? बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 के प्रमुख प्रावधानों में से विधेयक जमाकर्ताओं को अपने बैंक खातों या सावधि जमाओं (फिक्स्ड डिपॉजिट) के लिए अधिकतम चार व्यक्तियों को नामांकित करने की अनुमति देता है, जो वर्तमान एकल-नामित प्रणाली की जगह लेता है। इस कदम का उद्देश्य खाताधारक की मृत्यु के बाद निधि वितरण को सरल बनाना है, जो एक समस्या है जो कोविड-19 यानी कोरोना महामारी के दौरान उत्पन्न हुई थी। बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 अब संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है। इससे बैंकिंग नियमों में बड़े बदलाव होंगे, जो ग्राहकों के लिए बैंकिंग को और आसान बनाएगा। इसके कानून बनने के बाद सबसे बड़ा बदलाव है कि अब आप अपने बैंक खाते या एफडी के लिए चार लोगों को नॉमिनी बना सकते हैं। इससे पहले ग्राहकों को सिर्फ एक ही नॉमिनी बनाने का प्रावधान था

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