2025-03-31 16:30:43
किशनगंज। क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक अवसर साबित हुआ, जब किशनगंज के जिला पदाधिकारी विशाल राज के हाथों नव-नियुक्त सहायक उर्दू अनुवादकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। इस मौके पर गरिमामय वातावरण देखने को मिला और सभी उपस्थित लोगों ने नव-नियुक्त अनुवादकों का गर्मजोशी से स्वागत किया। विशेष रूप से जिला उर्दू सेल, किशनगंज के पदाधिकारी मोहम्मद ज़फ़ीर अहमद और ज़िला कलेक्ट्रेट के उर्दू अनुवादक मोहम्मद आसिम साहब ने सभी नव-नियुक्त सहायक उर्दू अनुवादकों को बधाई दी। जिला पदाधिकारी ने इस अवसर को यादगार दिन बताते हुए कहा कि यह बिहार सरकार की बहुत बडी उपलब्धी है। नियुक्ति से उर्दू भाषा और साहित्य को बढ़ावा मिलेगा और सरकारी कार्यालयों में उर्दू बोलने वाले लोगों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी। नव-नियुक्त सहायक उर्दू अनुवादकों ने कठिन परिश्रम और संघर्ष के बाद यह पद प्राप्त किया है और अब वे स्थानीय स्तर पर उर्दू भाषा के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। इन नियुक्त अनुवादकों में कुल पंद्रह लोग शामिल हैं — मोहम्मद शाहनवाज़ आलम, सादिक हुसैन, सैफुल हसन, मोहम्मद मजहर आलम, मेराज अनवर, मोहम्मद नोशाद, मोहम्मद इश्तियाक आलम, मोहम्मद मासूम रज़ा, मोहम्मद आफताब आलम, मोहम्मद साइम, मोहम्मद शफीक अख्तर, मोहम्मद रुसतम अली, मोहम्मद फज़ल रसूल, फ़राग़ अंजुम और शम्स तबरेज़। इनकी नियुक्ति किशनगंज के विभिन्न प्रखंड कार्यालयों, अंचल कार्यालयों और जिला उर्दू सेल में की गई है। इनकी नियुक्ति से न सिर्फ सरकारी दफ्तरों में उर्दू भाषा की भागीदारी मजबूत होगी, बल्कि उर्दू भाषी लोगों को भी बड़ी सहूलियत मिलेगी। इस अवसर पर जिला उर्दू सेल किशनगंज के पदाधिकारी मोहम्मद ज़फ़ीर अहमद ने कहा कि सहायक उर्दू अनुवादक के रूप में इनकी सफलता कई युवाओं के लिए प्रेरणा साबित होगी, जो सरकारी सेवाओं में उर्दू भाषा का मान-सम्मान बढ़ाने का सपना देख रहे हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस नियुक्ति से उर्दू को उसका उचित अधिकार मिलेगा और सरकारी दस्तावेज़ों व आवेदनों में उर्दू भाषा का प्रयोग और बढ़ेगा। वहीं ज़िला कलेक्ट्रेट के उर्दू अनुवादक मोहम्मद आसिम ने बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार व्यक्त करते हुए आशा जताई कि भविष्य में भी अल्पसंख्यकों और उर्दू भाषा के उत्थान के लिए इसी तरह के सकारात्मक कदम उठाए जाते रहेंगे। नव-नियुक्त अनुवादकों ने अपनी नियुक्ति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वे उर्दू भाषा की सेवा को अपना कर्तव्य समझते हैं और इसके प्रचार-प्रसार के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उनके अनुसार, उर्दू हमारी तहज़ीब और संस्कृति का एक अहम हिस्सा है और हम इसे आगे बढ़ाने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। यह नियुक्ति क्षेत्र के शैक्षणिक और साहित्यिक हलकों में भी उत्साह और खुशी का कारण बनी है, और उम्मीद जताई जा रही है कि इससे उर्दू भाषा को नई ऊर्जा मिलेगी।