एल्सटॉम ने अपनी माधेपुरा साईट से भारतीय रेलवेज़ को 500वाँ इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव सौंपा

भारतीय रेलवे को 500वाँ इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव पेश करने का बनाया कीर्तिमान।
News

2025-03-27 23:19:19

दिल्ली। स्मार्ट एवं सस्टेनेबल मोबिलिटी में ग्लोबल लीडर, एल्सटॉम ने भारतीय रेलवे को 500 इलेक्ट्रिक इंजन सफलतापूर्वक सौंप दिए हैं। यह उपलब्धि भारत में रेलवेज़ के बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने और देश के महत्वाकांक्षी माल परिवहन लक्ष्य में अपना योगदान देने की एल्सटॉम की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। बिहार में माधेपुरा में एल्सटॉम के विश्व स्तरीय विनिर्माण संयंत्र से 500वाँ पूर्णतया भारत निर्मित प्राइमा टी8 डब्ल्यूएजी12बी ई-लोकोमोटिव हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर भारतीय रेलवे के मुख्य गणमान्य लोग श्री मनीष कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी और एल्सटॉम के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 3.5 बिलियन यूरो के इस अनुबंध के अंतर्गत एल्सटॉम द्वारा माल ढुलाई सेवा के लिए 12,000 एचपी (9 मेगावाट) के 800 उच्च शक्ति वाले डबल-सेक्शन प्राइमा टी8 इंजनों की आपूर्ति की जानी है। भारतीय रेलवे द्वारा डब्ल्यूएजी-12बी नाम के या इंजन 120 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से ~6,000 टन रेक खींचने में सक्षम हैं। भारत के सबसे आधुनिक मालवाहक इंजनों की उच्च उपलब्धता सुनिश्चित करने और रखरखाव लागत को कम करने के लिए, एल्सटॉम ने पूर्वानुमानित प्रौद्योगिकियों की मदद से सहारनपुर और नागपुर में दो अत्याधुनिक रखरखाव डिपो भी बनाए हैं। इस उपलब्धि के बारे में एल्सटॉम इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर, ओलिवियर लॉयसन ने कहा, हमारे डब्ल्यूएजी12बी इलेक्ट्रिक इंजनों की टेक्नोलॉजी अत्याधुनिक है। ये पूरी तरह से भारत में बनाए गए हैं और देश में माल ढुलाई की ज़्यादा गति, एफिशिएंसी और विश्वसनीयता प्रदान करते हैं। हमारे 500वें ई-लोको की डिलीवरी से भारत में माल ढुलाई के लिए रेलवेज़ का बुनियादी ढाँचा आधुनिक बनाने की हमारी प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है। इससे आर्थिक विकास में तेजी आएगी।” डब्ल्यूएजी12बी लोकोमोटिव का निर्माण एल्सटॉम और भारतीय रेलवे के बीच एक संयुक्त उपक्रम के अंतर्गत भारत की सबसे बड़ी एकीकृत ग्रीनफील्ड विनिर्माण सुविधाओं में से एक माधेपुरा (बिहार) में किया जा रहा है। यह भारतीय रेलवे क्षेत्र में सबसे बड़ी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश परियोजना है। इस सुविधा में प्रतिवर्ष 120 लोकोमोटिव का उत्पादन हो सकता है। यहाँ से धीरे-धीरे एल्सटॉम लगभग 90% स्थानीय स्तर पर उत्पादन करने लगा है। यह परियोजना ‘मेक इन इंडिया’ पहल की एक अच्छी मिसाल है। यहाँ 85 प्रतिशत से अधिक घटक स्थानीय स्तर पर प्राप्त किए जाते हैं, जिससे भारत की स्थानीय विनिर्माण क्षमताएं मजबूत होती हैं। इस परियोजना के साथ भारत उन देशों के समूह में शामिल हो गया है जो उच्च-हॉर्सपावर के इंजनों का उत्पादन अपने देश में ही कर सकते हैं। साथ ही, देश के अंदर टेक्नोलॉजिकल विशेषज्ञता को बढ़ावा दे रहे हैं। ये ई-लोको पूरे देश में 120 मिलियन किलोमीटर से अधिक की दूरी तक माल ढुलाई कर चुके हैं। इन वस्तुओं में कोयला, सीमेंट, खाद्यान्न, उर्वरक, पेट्रोकेमिकल उत्पाद, खनिज, और डाक/पार्सल आदि शामिल हैं। इंसुलेटेड गेट बाइपोलर ट्रांजिस्टर (IGBT) आधारित प्रोपल्ज़न तकनीक से लैस, इन ई-लोको में रिजनरेटिव ब्रेकिंग के उपयोग से ऊर्जा की खपत में काफी बचत होती है। यह तकनीक गर्मी उत्पादन और ट्रैक्शन के शोर को कम करके त्वरण प्रक्रिया को एफिशिएंट बना देती है। इसके अलावा, इससे ना केवल परिचालन की लागत कम होगी, बल्कि भारतीय रेलवे के सामने आने वाली भीड़भाड़ भी कम होगी। एल्सटॉम 100 से ज़्यादा सालों से भारत की प्रगति से जुड़ा हुआ है। भारत में अग्रणी बहुराष्ट्रीय सस्टेनेबल मोबिलिटी प्रदाता के रूप में, एल्सटॉम ग्राहकों की विशिष्ट ज़रूरतों को पूरा करने के लिए किफ़ायती मास-मार्केट प्लेटफ़ॉर्म से लेकर उच्च-स्तरीय तकनीकी इनोवेशंस तक विस्तृत पोर्टफोलियो पेश करता है। देश की ‘रेल क्रांति’ का पर्याय बन चुका एल्सटॉम भारत में माल ढुलाई और यात्री आवागमन के क्षेत्र में आ रही क्रांति में अपना योगदान दे रहा है।

Readers Comments

Post Your Comment here.
Characters allowed :
Follow Us


Monday - Saturday: 10:00 - 17:00    |    
info@anupamsandesh.com
Copyright© Anupam Sandesh
Powered by DiGital Companion