2025-04-16 19:44:31
हिसार आगामी 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त पर लोगों द्वारा बड़ी संख्या में विवाह, शादियों का आयोजन किया जाता है। इसी के मद्देनजर पुजारी, पाठी, गांव के पंच, सरपंच, नंबरदार व शहरों में नगर पार्षदों एवं सामुदायिक केन्द्र, सार्वजनिक भवन, बैंकट हाल, मैरिज पैलेस, धर्मशाला इत्यादि के मालिक/प्रभारियों कार्ड प्रिंटिंग, फोटोग्राफर, बैंड बाजा व टेंट हाउस आदि के संचालकों से अपील की गई है कि वे अपने क्षेत्र में आयोजित होने वाले विवाह समारोह के संबंध में पहले से दूल्हा व दुल्हन के आयु प्रमाण पत्रों की जांच कर लें व आयु प्रमाण पत्रों की एक प्रति अपने पास भी रखे। यह व्यवस्था बाल विवाह को रोकने के लिए की गई है। बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा है बल्कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार कानूनन अपराध है। एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए कहा कि अक्षय तृतीया के अवसर पर 30 अप्रैल को बाल विवाह के संबंध में यदि किसी के पास कोई सूचना हो तो वे इसे प्रशासन के साथ सांझा करें और बाल विवाह रोकना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि विवाह के लिए लडक़ी की शादी की उम्र 18 वर्ष व लडके की शादी की उम्र 21 वर्ष निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व विवाह करना कानूनी अपराध है। नियम के तहत बाल विवाह के आयोजन में भागीदार सभी लोगों पर कानूनी कार्यवाही किए जाने का भी प्रावधान है, जिसके तहत 2 साल की जेल व एक लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान हैै। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति झूठी शिकायत करता है, तो उसके विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का उद्देश्य केवल कानून का पालन करवाना नहीं, बल्कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित करना है। इसलिए हर नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि वह बाल विवाह जैसी कुप्रथा के खिलाफ आवाज उठाएं और इसे रोकने में प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि बाल विवाह के आयोजन के संबंध में सूचना समय रहते नजदीक के पुलिस थाना, चौकी में, आंगनवाड़ी वर्कर, डब्ल्यूसीडीपीओ, बाल संरक्षण अधिकारी, डीपीओ, महिला एवं बाल विकास, एसडीएम, बीडीपीओ, तहसीलदार, सीटीएम, पुलिस अधीक्षक, बाल विवाह निषेध अधिकारी व पुलिस कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर 112, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 तथा महिला हेल्पलाइन नंबर 181 पर दी जा सकती है।