2025-01-18 20:06:53
अलीगढ़ : अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 02 पारूल अत्री द्वारा लगभग 11 वर्ष पुराने प्रकरण में दोषी के विरूद्ध ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए उसे अर्थदण्ड एवं फांसी की सजा सुनाई गई। विदित रहे कि 12 जुलाई 2014 में थाना बन्नादेवी क्षेत्र में अभियुक्त मनोज कुमार सिंह द्वारा अपनी पत्नी, बेटे एवं बेटी और एक अन्य महिला पडौसी पर गोली चलाई जिसमें उसकी पत्नी, बेटे और पड़ौसी महिला की मृत्यू हो गई। विगत लगभग 11 वर्षों में सुनवाई के दौरान साक्ष्यों, गवाहों एवं अभिलेखों की रोशनी में अभियुक्त को दोषी पाया गया। अपर सत्र न्यायाधीश ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि इस प्रकार का जघन्य अपराध क्षमा योग्य नहीं है जब परिवार का रक्षक ही भक्षक बन जाए तो उसे दण्ड देना ही उचित है। यदि न्यायालय इस प्रकार की पाशविक, नृशंस व बर्बर अपराध में भी उदारता अपनाता है, तो यह समाज व मानवता के साथ अन्याय होगा। अभियुक्त का अपराध विधि के साथ-साथ मानवता को भी शर्मसार करने वाला है, जो कि सामाजिक ढांचे को नष्ट करने की श्रेणी का अपराध है। अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध व कृत्य विरल से विरलतम की श्रेणी में है और अभियुक्त कठोरतम दण्ड का अधिकारी है। हस्तगत प्रकरण में मृत्यु दण्ड के अतिरिक्त ऐसा अन्य कोई विकल्प अथवा दण्ड नहीं है जिससे कि न्याय की मंशा पूर्ण हो सके। अभियुक्त को मृत्यु दण्ड देने पर ही घटना की पीड़ित पुत्री, मृतकगण व समाज को न्याय दिया जाना संभव है, जिससे कि समाज स्वयं को इस प्रकृति के दानव व नरपिशाच से बचा सके एवं न्याय की मंशा पूर्ण हो सके। इस अवसर पर सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी कोर्ट संख्या 02 मेपे सिंह समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।