मॉफ भारत सरकार के लिए अमुवि प्रो. ने तैयार किया, जवानों के सूट में लगेगा केमिकल

एएमयू के एसो. प्रोफेसर मो. शाहिद ने अपनी टीम के साथ इस मॉफ को तैयार किया है। भारतीय सेना के जवानों को अब दुश्मनों के जैविक हथियारों से कोई खतरा नहीं होगा
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2024-12-29 15:06:09

अलीगढ़। एएमयू के एसो. प्रोफेसर मो. शाहिद ने अपनी टीम के साथ इस मॉफ को तैयार किया है। भारतीय सेना के जवानों को अब दुश्मनों के जैविक हथियारों से कोई खतरा नहीं होगा। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जैविक हथियारों से लड़ने के लिए एक मॉफ तैयार किया गया है। जो किसी भी तरह के जहरीले केमिकल और गैर को निष्क्रिय कर देगा। यह एक तरह का केमिकल है, जिसे एएमयू के प्रोफेसर ने भारत सरकार और डीआरडीओ के लिए तैयार किया है। यह केमिकल युद्ध के समय दुश्मनों के जैविक हथियारों से भारतीय सेना को पूरी तरह से सुरक्षित रखेगा। इस केमिकल को तैयार करने के लिए एएमयू को प्रोजेक्ट मिला था, जो अब पूरा हो गया है। जैविक हथियार (केमिकल वेपन) इस समय पूरी दुनिया की सेनाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। इन्ही से सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने एएमयू को प्रोजेक्ट दिया था। पूरे देश भर में सिर्फ एएमयू को इसके लिए चुना गया था और कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर मो. शाहिद इस पर काम कर रहे थे। भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी से प्रोजेक्ट मिलने के बाद एएमयू ने मॉफ (मेटल ऑर्गेनिक फ्रेम वर्क) को खोज निकाला है। यह मॉफ किसी भी नर्व गैस को निष्क्रिय कर सकता है। एएमयू प्रोफेसर ने नर्व गैस, मस्टर्ड गैस, नर्व एजेंट और सल्फर कंपाउंड जैसे घातक गैसों से बचने के लिए यह केमिकल तैयार किया है, जिसे मॉफ कहा जा रहा है। मॉफ (मेटल ऑर्गेनिक फ्रेम वर्क) को तैयार करने में एसोसिएट प्रोफेसर मो. शाहिद के साथ प्रोजेक्ट जेआरएफ मो. यासिर खान, ट्रेनी उमरा अरशद भी साथ रहे। एसो. प्रो. मो. शाहिद ने बताया कि भारत सरकार से यह प्रोजेक्ट उन्हें चार साल पहले मिला था। प्रोजेक्ट फाइनल स्तर पर है। इस कैमिकल का ट्रायल प्रयोगशाला में किया जा चुका है और डिटेल रिपोर्ट दो महीने पहले भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को भेजी जा चुकी है। इस शोध में कुल 170 शोध पत्र तैयार किए गए थे। जो मॉफ से जुड़े हुए हैं। मॉफ को तैयार करने वाले एएमयू के एसो. प्रोफेसर मो. शाहिद ने बताया कि इस कैमिकल का ट्रायल प्रयोगशाला में हुआ है। पीपीई किट पर इसका लेप लगाकर इसका परीक्षण किया गया था, जो पूरी तरह से सफर रहा है। युद्ध के समय भी इस कैमिकल का इस्तेमाल इसी तरह से किया जाएगा। सैनिकों की रक्षा के लिए उनके सूट पर इस कैमिकल का लेप लगाया जाएगा। जवानों के सूट पर यह कैमिकल लेप के रूप में कई लेयर में लगाया जाएगा। इससे उनका मास्क, पूरा शरीर और त्वचा कवर हो जाएगा और उनके ऊपर नर्व गैस असर नहीं कर पाएगी। अत्यंत भीषण समझे जाने वाले जैविक हथियारों से रक्षा करने वाले इस मॉफ की कीमत भी ज्यादा नहीं आई है। एएमयू के प्रोफेसर ने बताया कि बहुत ही कम कीमत में इसे तैयार किया गया है। यह केमिकल बेहद सस्ता है और एक जवान के सूट पर इसका लेप लगाने में लगभग 700-800 रुपए के बीच ही खर्च आएगा।

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