2023-09-23 16:06:23
हजारीबाग कटकमदाग प्रखंड सालगावां पंचायत के पकरार गांव में चिरुवा चोपे जंगल क्षेत्र से एक नील गाय का बच्चा बिछड़ कर खेतों में आ गया जिसके बाद पकरार गांव निवासी ,गोपाल कृष्ण सिंह ने बताते है की वह पानी में डूबा हुआ था, बारिश ज्यादा होने के कारण उसे ठंड लग गई जिससे वह कांप रहा था, कुछ देर देखा तो जंगली जानवर सियार आदि इसी और आ रहे थे,। उन्होंने बताया कि करीब एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने उसे वहां देखा लेकिन किसी ने भी उसे सुरक्षा देने की कोशिश नहीं की, उन्होंने तत्काल उस बच्चे को उठाकर अपने घर ले आया, और वन विभाग के अधिकारियों को इस विषय में जानकारी दी गई। आपको बताते चले कि नीलगाय वन जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूचित 3 में शामिल है जिसके तहत इसमें प्रतिबंधित शिकार वाली प्रजातियां शामिल होती है।
समाजसेवी गोपाल कृष्ण सिंह (पत्रकार दुर्गेश सिंह के पिता) कहते हैं कि, इन्सान अपनी जीवनशैली और आधुनिकता में उन्नति कर रहा है, पेड़ों और जंगलों की भारी कटाई से वन्यजीवों के आवास नष्ट हो रहे हैं, देखा जाये तो आज मनुष्य अपने कर्मों से वन्यजीव प्रजातियों के बड़े पैमाने पर विलुप्त होने के लिए जिम्मेदार हैं।, जिससे मानव की उन्नति खोखली नजर आ रही है। इसलिए वन्यजीवों का संरक्षण पारिस्थितिकी संतुलन के लिए बहुत ही आवश्यक हो गया है।
वन विभाग के अधिकारी ए. के परमार को जैसे ही इस विषय में जानकारी मिली उन्होंने तत्काल टीम गठित कर नीलगाय के बच्चे को ले गए, वन कर्मियों द्वारा कहा गया कि इसे कुछ दिन अपने पास रखने के बाद पुनः इसके आवासीय जंगल में छोड़ दिया जाएगा। वन कर्मियों में वीके रजवार ,सुजीत टोप्पो ,चेतन कुमार ,अनिल कुमार शर्मा, निचित कुमार महतो, धनु राणा शामिल थे।