वक्फ संशोधन विधेयक भाजपा ने व्हिप जारी कर सांसदों से बुधवार को लोकसभा में उपस्थिति रहने के लिए कहा

पार्टी के मुख्य सचेतक संजय जायसवाल द्वारा जारी व्हिप में बुधवार, 2 अप्रैल को सभी लोकसभा सांसदों को सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है।
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2025-04-01 20:25:57

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण व्हिप जारी किया। पार्टी के मुख्य सचेतक संजय जायसवाल द्वारा जारी व्हिप में बुधवार, 2 अप्रैल को सभी लोकसभा सांसदों को सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है। सरकार में सहयोगी जनता दल यू के सुझाव भी विधायी प्रक्रिया में शामिल लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया जाना है। पहले सदन में पेश विधेयक में कई महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं, जो संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की सिफारिशों पर आधारित हैं। सरकार में सहयोगी दल जनता दल (यूनाइटेड) के सुझावों को भी इसमें शामिल किया गया है। लोकसभा में बुधवार को कुछ महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को पारित किया जाना है भाजपा के अनुसार, लोकसभा में बुधवार को कुछ महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को पारित किया जाना है, जिसके लिए पार्टी के सभी सांसदों की उपस्थिति अनिवार्य है। पार्टी ने अपने सांसदों को निर्देश दिया है कि वे सदन में उपस्थित रहकर सरकार के पक्ष का समर्थन करें और विधायी प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न करने में सहयोग दें। केंद्र सरकार को वक्फ संशोधन विधेयक पर तेलुगु देशम पार्टी का मिला समर्थन इसी बीच, केंद्र सरकार को वक्फ संशोधन विधेयक पर तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) का समर्थन मिला है। टीडीपी ने घोषणा की है कि वह इस बिल के पक्ष में मतदान करेगी। इससे सरकार को विधेयक पारित कराने में और मजबूती मिलेगी। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर विपक्षी दलों के बीच असहमति बनी हुई है, लेकिन टीडीपी के समर्थन से सरकार को इसे पारित कराने में महत्वपूर्ण बढ़त मिलेगी। संपत्ति वक्फ की है या नहीं, यह तय करने के लिए राज्य सरकार कलेक्टर से ऊपर के रैंक के अधिकारी को नियुक्त कर सकती है वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद इसमें राज्य सरकार का अधिकार क्षेत्र बना रहेगा। संपत्ति वक्फ की है या नहीं, यह तय करने के लिए राज्य सरकार कलेक्टर से ऊपर के रैंक के अधिकारी को नियुक्त कर सकती है। मौजूदा मस्जिदों, दरगाहों या अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थानों पर कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। यह कानून पुरानी तारीख से लागू नहीं होगा। यह जेडीयू का एक प्रमुख सुझाव था, जिसे स्वीकार किया गया है। इसके अलावा, औकाफ की सूची को गजट में प्रकाशन के 90 दिनों के भीतर ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट करना अनिवार्य होगा। विधेयक के अनुसार, वक्फ परिषद में पदेन सदस्यों के अलावा दो गैर-मुस्लिम सदस्य शामिल होंगे विधेयक के अनुसार, वक्फ परिषद में पदेन सदस्यों के अलावा दो गैर-मुस्लिम सदस्य शामिल होंगे। साथ ही, वक्फ बोर्ड में वक्फ मामलों से संबंधित संयुक्त सचिव पदेन सदस्य होंगे। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर विपक्षी दल शुरू से ही असहमति जता रहे हैं। उनका कहना है कि यह विधेयक अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों पर प्रभाव डाल सकता है। वहीं, सरकार का दावा है कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने और दुरुपयोग रोकने के लिए जरूरी है।

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