केंद्रीय कैबिनेट ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्रामII के लिए 6,839 करोड़ किए मंजूर

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को भारत की अंतरराष्ट्रीय भूमि सीमाओं पर स्थित गांवों के विकास के लिए पूर्ण रूप से वित्तपोषित केंद्रीय क्षेत्र योजना
News

2025-04-04 16:52:18

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को भारत की अंतरराष्ट्रीय भूमि सीमाओं पर स्थित गांवों के विकास के लिए पूर्ण रूप से वित्तपोषित केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम-II (VVP-II) को मंजूरी दे दी। यह पहल सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने और जीवन स्तर में सुधार करके विकसित भारत@2047 के विजन के अनुरूप है। यह कार्यक्रम वीवीपी-I के तहत पहले से ही कवर की गई उत्तरी सीमा के अलावा अंतरराष्ट्रीय भूमि सीमाओं (आईएलबीएस) से सटे ब्लॉकों में स्थित गांवों के व्यापक विकास में मदद करेगा। परियोजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया जाएगा और पीएम गति शक्ति जैसे सूचना डेटाबेस का उपयोग किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समृद्ध और सुरक्षित सीमाओं को सुनिश्चित करने, सीमा पार अपराध को नियंत्रित करने और सीमावर्ती आबादी को राष्ट्र के साथ आत्मसात करने और उन्हें ‘सीमा सुरक्षा बलों की आंख और कान’ के रूप में विकसित करने के लिए बेहतर जीवन स्थितियां और पर्याप्त आजीविका के अवसर पैदा करना है, जो आंतरिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। कुल 6,839 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, यह कार्यक्रम अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, जम्मू और कश्मीर (यूटी), लद्दाख (यूटी), मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के चुनिंदा रणनीतिक गांवों में वित्त वर्ष 2028-29 तक लागू किया जाएगा। यह कार्यक्रम गांव या गांवों के समूह के भीतर बुनियादी ढांचे के विकास, मूल्य श्रृंखला विकास, सीमा विशिष्ट आउटरीच गतिविधि, स्मार्ट कक्षाओं जैसे शिक्षा बुनियादी ढांचे, पर्यटन सर्किट के विकास और सीमावर्ती क्षेत्रों में विविध और टिकाऊ आजीविका के अवसर सर्जित करने के लिए कार्यों एवं परियोजनाओं के लिए धन उपलब्ध कराएगा। हस्तक्षेप सीमा-विशिष्ट, राज्य और गांव-विशिष्ट होंगे, जो सहयोगात्मक दृष्टिकोण से तैयार ग्राम कार्य योजनाओं पर आधारित होंगे। इन गांवों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत पहले से स्वीकृत पीएमजीएसवाई-IV के तहत किया जाएगा। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति सीमावर्ती क्षेत्रों में योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए योजनाबद्ध दिशानिर्देशों में उपयुक्त छूट पर विचार करेगी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य योजना मानदंडों के अनुसार अभिसरण के तहत पहचाने गए गांवों में मौजूदा व्यक्तिगत और घरेलू स्तर की कल्याणकारी योजनाओं में संतृप्ति प्राप्त करना है। कार्यक्रम का उद्देश्य मौजूदा योजना मानदंडों के तहत अभिसरण के माध्यम से 4 विषयगत क्षेत्रों, अर्थात् बारहमासी सड़क संपर्क, दूरसंचार संपर्क, टेलीविजन संपर्क और विद्युतीकरण में ऐसे ब्लॉकों के सभी गांवों को संतृप्त करना है। उल्लेखनीय है, इस कार्यक्रम में मेले और त्यौहार, जागरूकता शिविर, राष्ट्रीय दिवसों का उत्सव, मंत्रियों, केंद्र और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों द्वारा नियमित दौरे और ऐसे गांवों में रात्रि विश्राम जैसी गतिविधियों का आयोजन करके इन गांवों में जीवंतता बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इससे पर्यटन की संभावना बढ़ेगी और इन गांवों की स्थानीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा मिलेगा।

Readers Comments

Post Your Comment here.
Characters allowed :
Follow Us


Monday - Saturday: 10:00 - 17:00    |    
info@anupamsandesh.com
Copyright© Anupam Sandesh
Powered by DiGital Companion