मुख्यमंत्री राहत कोष योजना के तहत अब 30 दिनों के अंदर मिलेगी पीड़ित व्यक्ति को आर्थिक सहायता डीसी

आयुष्मान भारत योजना में कवर नहीं होने वाले जरूरतमंदों को मिलेगी मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता,
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2025-03-19 16:21:19

डीसी अभिषेक मीणा ने कहा कि हरियाणा सरकार के निर्णय के अनुसार अब गरीब आदमियों को बीमारी के इलाज के लिए दी जाने वाली मुख्यमंत्री राहत राशि के लिए प्राप्त आवेदन पत्रों को स्वीकृति प्रदान करने का अधिकार संबंधित जिला के उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी को दी गई है ताकि जरूरतमंद गरीब व्यक्ति को 30 दिन के अंदर-अंदर मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जा सके। डीसी बुधवार को लघु सचिवालय के सभागार में मुख्यमंत्री राहत कोष से संबंधित समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से संबंधित राशि का गरीब व्यक्तियों को ईलाज के लिए तुरंत प्रभाव से लाभ मिले इसको सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष योजना में संशोधन किया है, अब 3 बीमारियों के इलाज के स्थान पर करीब 25 बीमारियों के इलाज के लिए पीड़ित व्यक्ति को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि जो जरूरतमंद व पीड़ित व्यक्ति आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर नहीं होता, उन व्यक्तियों को मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता राशि प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि ऐसे व्यक्ति को भी स्वास्थ्य सेवाओं का समय पर लाभ मिल सके।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत जरूरतमंद व्यक्तियों को आर्थिक सहायता निर्धारित गाइडलाइन के तहत मिलनी चाहिए। आवेदन करने वाले व्यक्तियों का मार्ग दर्शन करके पोर्टल पर आवेदन अपलोड करवाएं ताकि उन्हें आर्थिक सहायता मिलने में परेशानी न हो। परिवार पहचान पत्र में महिला के आगे उसके पिता का नाम होता है और आधार कार्ड में पति का नाम होता है। परिवार पहचान पत्र के माध्यम से अपलोड करने वाली जरूरतमंद महिला के दस्तावेज ठीक प्रकार से चेक करें, ताकि संबंधित को बीमारी के इलाज के लिए आर्थिक सहायता मिल सके। स्वास्थ्य विभाग इस कार्य को करना सुनिश्चित करें। डीसी ने कहा कि यह आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए अब चंडीगढ़ मुख्यालय से स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं है बल्कि जिला स्तर पर ही उपायुक्तों की अध्यक्षता में गठित कमेटी को प्राप्त आवेदन पत्रों की स्वीकृति प्रदान करने का अधिकार दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मरीज की आय की वेरिफिकेशन का कार्य तहसीलदार तथा मेडिकल बिलों की वेरिफिकेशन करने की जिम्मेदारी संबंधित सीएमओ की रहेगी। इसके बाद प्रार्थी का आवेदन पत्र पोर्टल के माध्यम से उपायुक्त के पास पहुंच जाएगा और कमेटी आवेदन पत्रों को एग्जामिन करेगी। इसके बाद कमेटी द्वारा उसे स्वीकृत करके बिल की अदायगी व जरूरतमंद व्यक्ति की आर्थिक सहायता करवाने के लिए मुख्यालय भेज देगी। मुख्यालय द्वारा तुरंत प्रभाव से पात्र व्यक्ति के खाते में मुख्यमंत्री राहत राशि पहुंचा दी जाएगी। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस योजना के तहत लाभ लेने वाले प्रार्थी को सरल पोर्टल पर आवेदन करना होगा, आवेदन पत्र के साथ बीमारी के ईलाज पर खर्च होने वाली राशि तथा एम्बुलेंस चार्जिज के सभी बिल अपलोड करवाने होंगे। इसके बाद सीएमओ बिलों की वेरिफिकेशन करने के उपरांत जिला स्तरीय कमेटी के पास 10 दिन के अंदर-अंदर भेजना सुनिश्चित करेंगे तथा तहसीलदार आय वेरिफिकेशन के कार्य की रिपोर्ट 4 दिन के अंदर-अंदर कमेटी के पास भेजेंगे ताकि प्रार्थी को जल्द से जल्द आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जा सके। उपायुक्त ने जिला में मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए नियमों की अनुपालना को लेकर सिविल सर्जन व तहसीलदारों तथा डीआईओ को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने विभाग से संबंधित कार्य को निर्धारित समयावधि में पूरा करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि प्राप्त आवेदन पत्रों पर बिना विलंब के कार्यवाही अमल में लाई जाए ताकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच के अनुसार गरीब व जरूरतमंद तथा पीड़ित व्यक्ति को 30 दिनों के अंदर-अंदर मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता का लाभ मिल सके।

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