गौरैया की यही कहानी फिरे ढूंढती दानापानी

गौरैया, एक छोटी सी चिड़िया, जो कभी हमारे आंगन और छतों की रौनक हुआ करती थी
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2025-03-23 20:06:29

गौरैया, एक छोटी सी चिड़िया, जो कभी हमारे आंगन और छतों की रौनक हुआ करती थी, आज विलुप्त होने के कगार पर है। वैज्ञानिक रूप से पासर डोमेस्टिकस के नाम से जानी जाने वाली गौरैया, सदियों से मानव जीवन का अभिन्न अंग रही है। यह छोटी सी चिड़िया न केवल हमारे घरों में रहती थी, बल्कि हमारी संस्कृति और लोककथाओं में भी महत्वपूर्ण स्थान रखती थी। ग्रामीण भारत में, गौरैया को समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता था। बच्चों की कहानियों और कविताओं में गौरैया का जिक्र मिलता था, जो उनके बचपन का एक अहम हिस्सा था। लेकिन आज, गौरैया की चहचहाहट कम होती जा रही है, और यह चिंता का विषय है। गौरैया की आबादी में गिरावट के कई कारण हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं - शहरी क्षेत्रों में कंक्रीट के जंगलों का विस्तार हो रहा है, जिससे गौरैया के प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहे हैं। पुराने घर, जिनमें गौरैया के लिए घोंसले बनाने के लिए जगह होती थी, अब बहुमंजिला इमारतों में बदल गए हैं। कृषि में कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से गौरैया के भोजन, जैसे कि कीड़े और अनाज, की उपलब्धता कम हो गई है। इसके अलावा, कीटनाशकों के संपर्क में आने से गौरैया के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। मोबाइल टावरों से निकलने वाली रेडियो तरंगें गौरैया के लिए हानिकारक होती हैं। ये तरंगें गौरैया के प्रजनन और नेविगेशन क्षमताओं को प्रभावित करती हैं। आधुनिक जीवनशैली में बदलाव के कारण, हमारे घरों के आसपास अनाज और कीड़ों की उपलब्धता कम हो गई है। यह गौरैया के लिए भोजन की कमी का कारण बन रहा है। गौरैया को आश्रय और घोंसले के लिए पेड़ों की आवश्यकता होती है। शहरी क्षेत्रों में पेड़ों की कमी के कारण, गौरैया के लिए सुरक्षित आश्रय मिलना मुश्किल हो गया है। आज आवश्यकता है गौरैया के अस्तित्व की रक्षा करने की। हम सभी को मिलकर गौरैया के संरक्षण के लिए प्रयास करने चाहिए। विभिन्न संगठनों, स्कूलों और समुदायों द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन करके गौरैया के लिए घोंसले बनाने, भोजन और पानी की व्यवस्था करने और उनके प्राकृतिक आवास को संरक्षित करने के उपायों पर चर्चा करने की आवश्यकता है। गौरैया के संरक्षण के लिए जन जागरूकता बढ़ाना हम सब का नैतिक दायित्व है। गौरैया के संरक्षण के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। अपने घरों के आसपास गौरैया के लिए कृत्रिम घोंसले बनाएं। आप लकड़ी के बक्से या मिट्टी के बर्तन का उपयोग करके घोंसले बना सकते हैं। अपने घरों के आसपास गौरैया के लिए अनाज और पानी की व्यवस्था करें। आप अपने बगीचे में या बालकनी में एक बर्तन में पानी और अनाज रख सकते हैं। अपने घरों के आसपास पेड़-पौधे लगाएं, ताकि गौरैया को आश्रय और घोंसले बनाने के लिए जगह मिल सके। मोबाइल टावरों को गौरैया के आवास से दूर स्थापित करें। गौरैया के संरक्षण के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करें। आप अपने दोस्तों, परिवार और पड़ोसियों को इस बारे में बता सकते हैं। पुराने घरों को संरक्षित करने का प्रयास करें, क्योंकि ये गौरैया के लिए प्राकृतिक आवास प्रदान करते हैं। को गौरैया के महत्व के बारे में शिक्षित करें। उन्हें गौरैया के संरक्षण के लिए प्रोत्साहित करें। गौरैया को बचाना सिर्फ एक पक्षी को बचाना नहीं है, बल्कि हमारे पर्यावरण और हमारी संस्कृति को बचाना है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और समृद्ध पर्यावरण छोड़ें। गौरैया हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और हमें उनके संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। हमें यह याद रखना चाहिए कि प्रकृति के हर जीव का अपना महत्व है और हम सभी को मिलकर उनके संरक्षण के लिए काम करना चाहिए। यह एक छोटा सा कदम है, लेकिन इसका बहुत बड़ा प्रभाव हो सकता है। आइए, हम सब मिलकर गौरैया के संरक्षण का संकल्प लें और अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखें।

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