इन आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा…

‘जिस दिन से चला हूं मेरी मंजिल पे नजर है, आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा
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2025-03-24 15:39:00

‘जिस दिन से चला हूं मेरी मंजिल पे नजर है, आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा…मशहूर शायर बशीर बद्र की ये पंक्तियां भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं जो ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की सनातनी परिकल्पना को साकार करने के लिए दिन-रात निस्वार्थ भाव से परिश्रम कर रहे हैं । लेकिन कुछ स्वार्थी लोगों को यह पसंद नहीं आ रहा। ये वो लोग हैं, जो सिर्फ अपने बारे में सोचते और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे कामों और पहल का कभी मजाक उड़ाते, तो कभी उनके कार्यों पर सवाल उठाते हैं। लेकिन अंततः सच सामने आ ही जाता है। वही अपनी मंजिल को पता है जिसकी निगाहें लक्ष्य से कभी भटकती नहीं। तीसरे विश्व युद्ध के कगार पर खड़ी दुनिया भर की निगाहें इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूं ही विश्वगुरु नहीं कहा जाता। कहते हैं न कि झूठ की उम्र बहुत छोटी होती है और सच की कोई उम्र नहीं होती, क्योंकि सच कभी मरता नहीं और सच को कभी दबाया नहीं जा सकता। आपको याद होगा कि जब 24 फरवरी 2022 को रूस-यूक्रेन युद्ध ने अचानक गंभीर रूप ले लिया था। जिसके चलते यूक्रेन में पढ़ रहे हजारों भारतीय छात्रों की जिंदगी संकट में पड़ गई थी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपने देश के युवाओं के जीवन की रक्षा सर्वोपरि थी। पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपति से बात करके भारतीय छात्रों को सुरक्षित वतन वापसी के लिए सेफ पैसेज बनवाया, रूस ने कुछ देर के लिए हमले रोक दिए और भारत ने सभी छात्रों की सफलतापूर्वक घर वापसी सुनिश्चित की। उस समय विपक्ष ने खूब मजाक उड़ाया और तरह-तरह के फेक नेरेटिव और मीम्स गढ़े। अब जब रूस-यूक्रेन युद्ध को 3 साल पूरी हो चुके हैं, भारत में कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर भी तब की गई अपनी गलती मान रहे हैं कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों पर विश्वास न करके उन्हें झूठा समझ कर मजाक उड़ाया था, जो कि उनकी एक बड़ी गलती थी। हमेशा की तरह भारतीय नेता अपने देश और अपने प्रधानमंत्री पर ही सवाल उठा रहे थे जो कि गलत था। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सार्वजनिक रूप से अपनी गलती स्वीकार कर ली है। शशि थरूर ही क्यों, ताकतवर देशों के बड़े-बड़े नेता भी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों को गंभीरता से लेते हैं। राष्ट्रपति पुतिन हों, या फिर राष्ट्रपति जेलेन्स्की और चाहे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, कोई भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात को हल्के में नहीं लेता। वर्तमान समय में जब पूरी दुनिया तीसरे विश्व युद्ध कि आशंका से जूझ रही है, दुनिया के सभी बड़े नेता मानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व शांति स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और लगातार इसके लिए प्रयासरत हैं। विशेष रूप से रूस-यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शांति प्रयासों को कई वैश्विक नेताओं ने सराहा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की, दोनों के साथ पीएम मोदी के अच्छे सम्बन्ध हैं। रूस और यूक्रेन के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठकों को कूटनीतिक दृष्टि से शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के रूप में सराहा गया। उदाहरण के लिए, 2022 में उज्बेकिस्तान के समरकंद में मोदी-पुतिन संवाद में रूस के राष्ट्रपति पुतिन को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट रूप से सलाह दी थी कि “यह युद्ध का युग नहीं है”। पूरी दुनिया में इसको व्यापक रूप से कवर किया गया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव कम करने के आह्वान के रूप में सराहा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि भारत तटस्थता के बजाय हमेशा शांति के पक्ष में खड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि संघर्षों का हल, युद्ध के मैदान पर नहीं बल्कि मध्यस्थता और परस्पर बातचीत के जरिए ही किया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी का मनना है कि वह समय गया जब युद्ध के मैदान में आमने-सामने लड़ाई में हार-जीत होती थी। अब कूटनीति और पस्पर संवाद का समय है। बड़े देशों के नेताओं ने पीएम मोदी के इस दृष्टिकोण से सहमत हैं। एक और ताजा उदाहरण है पोलैंड के उप विदेश मंत्री व्लादिस्लाव टेओफिल बार्टोशेवस्की का हल ही में उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के आरंभ में पुतिन को सामरिक परमाणु हथियारों का उपयोग न करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजी किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पहल प्रसंसनीय है। वैश्विक मंच पर यह भारत के प्रभाव, विशेष कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व को दर्शाता है। इसी तरह, फरवरी 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, शांति पहल का समर्थन करने में मोदी के प्रयासों का स्वागत किया गया, ट्रम्प ने वैश्विक स्थिरता को बढ़ावा देने में पीएम मोदी की भूमिका की प्रशंसा की। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी शांतिपूर्ण समाधानों में भारत की सक्रिय भूमिका, उनके कूटनीतिक प्रयासों के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है। इस सच को झुठलाया नहीं जा सकता कि विश्व शांति की स्थापना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वपूर्ण भूमिका को अलग-अलग देशों ने समय-समय पर मान्यता दी है। आपको याद होगा विश्व शांति की दिशा में पीएम मोदी के व्यापक योगदान के लिए 2018 में सियोल शांति पुरस्कार दिया गया था। दरअसल इस तरह के पुरस्कार अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सद्भाव को बढ़ावा देने में पीएम मोदी की नीतियों और प्रयासों को मान्यता है। यही नहीं ‘इंटरनेशनल सोलर अलायन्स’ जैसी पहल में उनका नेतृत्व और संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर उनकी वकालत, वैश्विक शांति और स्थिरता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को और अधिक रेखांकित करती है। इसके लिए पीएम मोदी को एशिया, यूरोप और दुनियाभर के नेताओं से प्रशंसा मिली है। यह भावना जटिल वैश्विक चुनौतियों के बीच शांति की वकालत करने में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की बढ़ती स्वीकृति को दर्शाती है। (वरिष्ठ पत्रकार राजीव ओझा अमर उजाला, दैनिक हिन्दुस्तान समेत कई मीडिया संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके हैं।)

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