मीडिया की भूमिका और प्रासंगिकता को परिवर्तनशील माहौल में भी नहीं किया जा सकता कम सीएम

- बोले, लोकतंत्र के चाैथे स्तंभ के रूप में मीडिया को मान्यता दी गयी, लोकतंत्र का सजग प्रहरी है मीडिया
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2025-03-16 16:52:26

गोरखपुर, 16 मार्च: लोकतंत्र के चाैथे स्तंभ के रूप में मीडिया को मान्यता दी गयी है। मीडिया ही लोकतंत्र के प्रति सजग प्रहरी के रूप में सबसे महत्वपूर्ण मुद्​दे की ओर आकर्षित कर अन्य तीन स्तंभों को किसी न किसी रूप में झकझोरती है। किन्ही कारणों से छूटे हुए मुद्​दों को सही तथ्यों के साथ प्रस्तुत कर जन सरोकार से जोड़ती है। मीडिया की भूमिका पूरी दुनिया में समय-समय पर अलग-अलग रूप में देखने काे मिली है। गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश का केंद्र बिंदु है। ऐसे में गोरखुपर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि यहां नई कार्यकारिणी का निर्णय आस-पास के जनपदों और संस्थानाें पर पड़ेगा। इसे ध्यान में रखकर नई कार्यकारिणी को जन सरोकारों से जुड़ करके संवेदनशील बनना होगा तभी नई कार्यकारिणी की भूमिका महत्वपूर्ण और प्रासंगिक होगी। ये बातें मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर में आयोजित गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह में कही। कार्यक्रम के दौरान महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ दिलाई। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस क्लब के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को निर्वाचन प्रमाण पत्र सौंपे और बधाई दी। कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने मीडिया के जरिये अपने करियर को आगे बढ़ाया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में कई ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं, जिन्होंने अपने करियर को मीडिया के जरिये आगे बढ़ाने का काम किया था। देश के स्वाधीनता आंदोलन में उन्होंने पत्रकारिता के रूप में अपनी अहम भूमिका निभायी थी। इसमें सबसे पहला नाम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का आता है, उन्होंने अपनी लेखनी से समाचार पत्रों को प्रोत्साहित किया था। लोकमान्य तिलक ने जन चेतना को जागरूक करने के लिए गणपति महोत्सव का आयोजन किया। इसके अलावा लाल लाजपत राय, गणेश शंकर विद्यार्थी आदि ने अपनी लिखनी की धार से समाज को नई दिशा दी। जिस समय देश के लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा था तब समाचार समूहों ने अपनी लेखनी के माध्यम से लोकतंत्र को बचाने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। मीडिया की भूमिका और प्रासंगिकता को परिवर्तनशील माहौल में भी कभी कम नहीं किया जा सकता है। आज टेक्नोलॉजी से पूरी दुनिया में तेजी से बदलाव हो रहा है। ऐसे में मीडिया जगत में भी तेजी के साथ बदलाव हो रहा है ताकि समाज तक टेक्नोलॉजी से जुड़ करके सही तथ्यों को उन तक पहुंचाया जा सके। आज युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रही है क्योंकि उसके पास समय कम है। ऐसे में मीडिया संस्थानों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गयी है कि उनका सकारात्मक चीजें पहुंचाई जाएं क्योंकि कुछ लोग सोशल मीडियाा प्लेटफार्म का दुरुपयोग कर नकारात्मकता फैलाने का काम कर रहे हैं। ऐसे में मीडिया जगत अपनी जिस भूमिका के लिए जानी जाती है, उसी भूमिका के साथ उसे आगे बढ़ना होगा। यह न केवल लोकतंत्र बल्कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए बड़ा कार्य होगा। लोकतंत्र की पहली शर्त संवाद है, इसे प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने में मीडिया है सशक्त माध्यम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुशासन और लोकतंत्र की पहली शर्त संवाद है। हम जबरन अपनी बात को किसी पर थोप नहीं सकते हैं, लेकिन संवाद से बड़े से बड़ी समस्या का समाधान कर सकते हैं। वहीं जब भी हम संवाद की भाषा से अपने आप को अलग करते हैं तो नये संघर्ष को बढ़ावा मिलता है। हमें उस संघर्ष से बचने की आवश्यकता है। ऐसे में अगर मीडिया उस संवाद की भाषा को प्रभावित ढंग से आगे बढ़ाएगी तो निश्चित रूप से बहुत सारी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। सीएम ने कहा कि संवाद को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ने का सबसे सशक्त माध्यम मीडिया है। इसके लिए जरुरी नहीं है कि एक लाख लोगों को इकट्ठा करके अपनी बात कही जाए, इसके लिए कुछ लोग ही पर्याप्त हैं। वहीं लोग करोड़ तक आपकी आवाज को पहुंचाएंगे। इसके लिए मीडिया को आगे आना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश ने समय के साथ चलना शुरू किया तो चारो ओर होने लगी प्रदेश की ख्याति की चर्चा गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब के नवनिर्वाचित अध्यक्ष रीतेश मिश्र ने कहा कि जब कोई कर्मशील, प्रेरक और निवास्थ्र्य व्यक्ति अपनी उपाधिता से समाज और राष्ट्र को सर्वगाह हाेता है तो संबोधन के लिए बड़े से बड़ा व्यक्ति भी उनके व्यक्तित्व की ऊंचाई का आवह्न कराने में अपना सामथ्र्य साबित नहीं कर सकता है। सबकी वाणी और सबके मन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हम सभी के भाव ऐसे ही जुड़े हुए हैं। सुशासन, सुदृढ़ कानून व्यवस्था तथा विकास के अनेकाएक आयामों पर देश के सभी राज्यों के लिए नेतृत्व का अद्वितीय रोल मॉडल बन चुके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ पत्रकार साथी भी आत्मीयता का बोध करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा कहते हैं कि समय के साथ न चलने वाला हमेशा पीछे छूट जाता है उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने समय के साथ चलना शुरू किया तो आज प्रदेश की ख्याति और उपलब्धियों की चर्चा चारों ओर है

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