2025-03-28 23:06:33
अकराबाद : गांव बहादुरपुर में चल रही श्रीमदभागवत कथा के सातवें दिन कथा व्यास तपेशा नंद महाराज ने भगवान कृष्ण की 16108 रानियों का वर्णन करते हुए कहा कि वेदों के उपासना कांड में सोलह हजार श्लोक हैं। यह श्लोक प्रभु की सोलह हजार पत्नियां हैं। वेदों की एक एक रिचा पर एक-एक उपनिषद हैं और ये जो सौ उपनिषद हैं ये प्रभु की 100 पत्नियां हैं और शेष आठ पत्नियां आठ प्रकृतियां हैं। यह वायु, आकाश, अग्नि, जल, बुद्धि, मन, अहंकार है ।इस प्रकार मेरे गोविंद श्री कृष्ण जी की 16108 पत्नियों का रहस्य संत, महाज्ञानियों ने भक्तों के लिए प्रस्तुत किया है। जीव प्राकृति के वश में रहता है और प्रकृति जिसके बस में रहती है वही ईश्वर है परम ब्रह्म है। कथा के दौरान भक्ति मय भजनों पर महिलाओं ने जमकर नृत्य किया। इस मौके पर परीक्षित जी कुमरपाल सिंह, यज्ञपति भूपेंद्र कुमार, रामवती देवी, प्रेमलता बघेल ग्राम प्रधान, सोनू बघेल, राजेंद्र सिंह नेपाल सिंह महिपाल सिंह, बंटी ,संदीप, पवन कुमार आदि श्रद्धालुओं ने भागवत कथा का रसपान किया।