2024-12-29 15:05:09
अलीगढ़। देहदान कर्त्तव्य संस्था ने डॉ एस के गौड़ की अध्यक्षता में नेत्र, देह और रक्तदान के प्रति सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर जागरुक किया। डॉ.गौड़ ने कहा मरणोपरांत अधिकतर व्यक्तियों का एक ही प्रश्न होता है कि पार्थिव शरीर कब ले जाएंगे?लेकिन संस्था मृत्यु पश्चात दानी की पहले ससम्मान आंखें (कौरनिया) दान करा व पार्थिव शरीर को एम्बुलेंस में रखवा कर मैडिकल कॉलेज पहुंचाने में सहयोगी बनती है। आंखें दान प्रक्रिया में मात्र 20/25 मिनट समय लगता है। पार्थिव शरीर का मैडिकल कॉलेज पहुँचने पर विशेष सम्मान सहित पुण्य आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना कर उसके प्रत्येक अंग का पढ़ाई हेतु सदुपयोग करते हैं। इससे योग्य चिकित्सक बनने में सहायता मिलती है डॉ स्कन्द राजा (चिकित्सा अधीक्षक) ने संस्था के मानवीय कार्यों को सराहते हुए आभार व्यक्त किया। उन्होंने सभागार में उपस्थित विभागीय सदस्यों का आह्वान कर सहयोगी बनने हेतु आग्रह किया।भारतीय सक्सेना ने उपरोक्त मानवीय कार्य की सराहना करते हुए कहा कि अपने पिता का संस्था सहयोग से देह दान करा चुकी हूँ। शिव ओम शर्मा ने कहा कि शरीर नश्तर है। दान करने सदुपयोग हो जाएगा। विशेष सहयोगी डॉ ए.क.े शर्मा (नेत्र विशेषज्ञ)ने सौहार्दपूर्ण वातावरण में सफल संचालन करते हुए नेत्र, देह और रक्तदान की प्रक्रिया को सरल भाषा में समझाया। जिसका परिणाम अनेकों लोगों ने प्रभावित हो सदस्यता ग्रहण की। डॉ दुष्यंत कुमार सिंह, भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक, अजय राणा,गिर प्रसाद, राकेश शर्मा आदि सहयोगी बने।