2023-11-24 12:43:16
नई दिल्ली: नई दिल्ली स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांगजन संस्थान द्वारा 47वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक डॉ जितेन्द्र शर्मा ने की तथा विशिष्ट अतिथि श्री मल्लिकार्जुना आइथा, उप-निदेशक डॉ ललित नारायण और अन्य विभागाध्यक्षों व संस्थानकर्मियों की उपस्थिति में दीप प्रज्व्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। संस्थान निदेशक, उप-निदेशक एवं विशिष्ट अतिथि ने विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र व प्रतीक चिन्ह देकर पुरस्कृत किया। इस अवसर पर, जहाँ एक ओर संस्थान के छात्रों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, वहीँ दूसरी ओर विशेष निमंत्रण पर कई देशों से पधारे संस्थान के 40 वर्ष पूर्व छात्रों ने अपने अनुभव वर्तमान छात्रों के साथ साझा किये| समारोह के अध्यक्ष संस्थान के निदेशक डॉ जितेन्द्र शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस संस्थान का समाज में दिव्यांगजन सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान है।
उन्हांने दिव्यांग छात्रों की उपलब्धियों की जानकारी दी और सशक्तिकरण के माध्यम से समाज में उनके योगदान को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध रहने का संकल्प जताया। साथ ही, उन्होंने भारत सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा दिव्यांगजनों के हित में चलाये गए कार्यक्रमों पर भी चर्चा की एवं इसी वर्ष संस्थान द्वारा आयोजित किये गये विभिन्न कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के विकास में दिव्यांगजनों का भी विशेष योगदान है और पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांगजन संस्थान देशभर के दिव्यांगजनों के लिए विभिन्न शैक्षिक एवं पुनर्वास सेवाएं प्रदान करके अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहा है। संस्थान के उप-निदेशक डॉ ललित नारायण ने संस्थान के इतिहास, वर्तमान उपलब्धियां एवं भविष्य की योजनाओं का भी उल्लेख किया| उन्होंने बताया कि संस्थान वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत बेचेलर ऑफ़ फिजियोथेरेपी, बेचेलर ऑफ़ ऑक्यूपेशनल थेरेपी, बेचेलर ऑफ़ प्रोस्थेटिक व ओर्थोटिक पाठ्यक्रमों संचालित हो रहे हैं तथा मास्टर ऑफ़ प्रोस्थेटिक व ओर्थोटिक का भी पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है| उन्होंने भविष्य में मास्टर ऑफ़ फिजियोथेरेपी एवं मास्टर ऑफ़ ऑक्यूपेशनल थेरेपी हेतु कार्य-योजनाओं का जिक्र किया |
उन्होंने अलुम्नी छात्रों एवं वर्तमान छात्रों को आपस में करियर सम्बन्धी अनुभव साझा करने का अनुरोध किया |विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित श्री मल्लिकार्जुना आइथा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस संस्थान का समाज में दिव्यांगजन सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान है, 47वें स्थापना दिवस पर हमें गर्व है कि इस संस्थान ने देश को बेहतरीन रीहेब प्रोफेशनल्स दिए हैं जो देश ही नहीं दुनियाभर में अपनी सेवाओं से मानव कल्याण का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश को 5 लाख से ज्यादा रीहेब प्रोफेशनल्स की आवश्यकता है, ऐसे में इस संस्थान को अब एक विश्वविद्यालय के रूप में देश के हर तबके के छात्रों के लिए बेहतरीन शिक्षा देकर सर्वश्रेष्ठ रीहेब प्रोफेशनल बनने की ओर अग्रसर होना चाहिए। संस्थान के विभिन्न पाठ्यक्रमों के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक व रंगारंग प्रस्तुतियाँ पेश की गई। संस्थान के निदेशक व उप-निदेशक द्वारा विशिष्ट अतिथि को माला पहनाकर व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती गुंजन वाधवा व स्मृति खुराना द्वारा किया गया| स्वागत भाषण संस्थान के निदेशक डॉ जितेन्द्र शर्मा जी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन उप-निदेशक डॉ ललित नारायण द्वारा दिया गया। इस अवसर पर संस्थान के सभी विभागाध्यक्ष, अधिकारीगण, कर्मचारी व छात्र उपस्थित रहे।