विज्ञान धारा योजना से अब तक 57,869 व्यक्तिगत लाभार्थियों ने उठाया लाभ

देश के वैज्ञानिक अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी विकास क्षेत्र को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने विज्ञान धारा योजना
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2025-03-19 16:28:23

देश के वैज्ञानिक अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी विकास क्षेत्र को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने विज्ञान धारा योजना के लिए आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि की है। बजट आवंटन में 2024-25 के 330.75 करोड़ रुपए से 2025-26 में 1425.00 करोड़ रुपए तक की पर्याप्त वृद्धि देखी गई है। एकीकृत योजना ‘विज्ञान धारा’ के कार्यान्वयन के लिए प्रस्तावित परिव्यय 15वें वित्त आयोग के अनुरूप 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए 10,579.84 करोड़ रुपए है। मार्च 2025 तक 57,869 व्यक्तिगत लाभार्थियों ने इस योजना का लाभ उठाया है। 16 जनवरी 2025 से लागू हुई विज्ञान धारा योजना विज्ञान धारा केंद्र सरकार द्वारा वैज्ञानिक अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी विकास को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई एक व्यापक योजना है। यह योजना 16 जनवरी 2025 से लागू हुई। इसमें तीन प्रमुख योजनाओं, विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एस एंड टी), शोध एवं विकास (आरएंडडी) और नवाचार, प्रौद्योगिकी विकास और परिनियोजन को एकीकृत किया गया है। विज्ञान धारा’ योजना का प्राथमिक उद्देश्य देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से संबंधित इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी संबंधी क्षमता निर्माण के साथ-साथ अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देना है। योजना के लाभार्थियों में 10-15 वर्ष की आयु के युवा छात्र विज्ञान धारा योजना के तहत सभी कार्यक्रम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के 5-वर्षीय लक्ष्यों के अनुरूप हैं, जो विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण में योगदान करते हैं। इस योजना के लाभार्थियों में 10-15 वर्ष की आयु के युवा छात्र शामिल हैं और वे कक्षा VI से X में पढ़ रहे हैं और इंस्पायर-मानक (मिलियन माइंड्स ऑगमेंटिंग नेशनल एस्पिरेशन एंड नॉलेज) कार्यक्रम के तहत लाभ उठा रहे हैं । यह पहल वैज्ञानिक सोच एवं दृष्टिकोण का पोषण करते हुए शोध करियर को प्रोत्साहित करती है और छात्रों के बीच नवाचार को बढ़ावा देती है। तेलंगाना में 4002 लाभार्थियों ने योजना का लाभ उठाया गौरतलब हो, तेलंगाना में, 4002 लाभार्थियों ने इस योजना का लाभ उठाया है, जिसमें 10 मार्च, 2025 तक 3.3 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। वहीं, बजट आवंटन में वृद्धि से राज्य स्तरीय वैज्ञानिक पहलों को और मजबूती मिलेगी, जिससे अधिक से अधिक व्यक्तियों और संस्थानों को लाभ मिल सकेगा

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