सियाराम हनुमान मंदिर के प्रांगण में चल रही राम कथा में हुआ सीता राम विवाह,वन गमन प्रशंग।

राम सीता की झांकी ने श्रोताओं का मन मोह लिया
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2025-04-05 22:50:24

बल्लभगढ़ : श्री सियाराम हनुमान मंदिर ब्राह्मण वाड़ा बल्लभगढ़ के प्रांगण में श्री सियाराम हनुमान मंदिर सभा रजि० व सभी भक्तों के सौजन्य से चल रही श्री राम कथा के छठवें दिन वृंदावन धाम से पधारे कथा व्यास कार्ष्णि स्वामी श्री सुमेधानंद जी महाराज ने सभी भक्तों को श्री राम कथा में श्री रामजी व तीनों भाइयों की लीलाओं का वर्णन किया था राम सीता जी के विवाह की कथा सुनाई।महाराज श्री ने श्रोताओं को कथा सुनते हुए सीता स्वयंवर और प्रभु श्री राम के धनुष उठाने वाले दृश्य का जीवंत वर्णन कर सभी को भाव विभोर कर दिया। अयोध्या से मिथिला तक बारात की यात्रा और मिथिला में बारात के आतिथ्य सत्कार पर भी कथा में चर्चा हुई।महाराज श्री ने प्रभु भक्ति का ज्ञान भी श्वेता को प्रदान किया उन्होंने कहा कि प्रभु भक्त के भाव को देखते हैं। यदि हम राम को पाना चाहते हैं तो वे हमें अनुराग से प्राप्त होंगे। प्रभु की छवि को ही मन में बसाना होगा। एक बार छवि मन में बस गई तो राम सब जगह दिखेंगे। भगवान भक्तों का सदैव उचित ही करते हैं। राम को यह पता है कि किसे किस वस्तु की आवश्यकता है, उनसे वह मांगने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। लेकिन हमको इस बात पर विश्वास नहीं होता इसलिए हम उनसे उसे मांगने लगते है।कथा व्यास सुमेधानंद जी ने कहा कि यदि जीवन में कभी कुछ प्राप्त न हो रहा हो तो मांगने की वस्तु बदल कर देखना चाहिए। राम कथा में मनोकामना और पूजा के संबंध के बारे में भी बताया गया। कुछ लोग प्रभु की आराधना मनोकामना की प्राप्ति के लिए करते हैं और जैसे ही मनोकामना पूर्ण होती है पूजा बंद कर दी जाती है। राम-सीता वरमाला के समय मंदिर प्रांगण में उपस्थित श्रद्धालु खुशी से झूम उठे।बल्लभगढ़ वासियों का कथा के प्रति उत्साह देखने को मिल रहा है। इस कथा में कमेटी द्वारा सीता राम विवाह के उपलक्ष में मखाने की खीर का प्रसाद रखा गया।

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