2023-10-07 12:58:35
नई दिल्ली। रतनव त्रिदिवसीय नाट्य रंगोत्सव के दूसरे दिन रमा पांडेय के कुशल निर्देशन में
शाइस्ता पर आधारित एक कहानी का नाट्य मंचन हुआ। शाइस्ता एक ऐसी लड़की की कहानी जिसमें कुरीतियों पर चोट करने के साथ आधुनिक संसाधनों की उपयोगिता के महत्व को दिखाया गया है। कहानी में एक लकड़ी मोबाइल फोन के बारे में ज्यादा न कुछ जानते हुए भी उसका सही समय पर कैसे इस्तेमाल करके अपने ऊपर थोपी जा रही बाल विवाह की कुप्रथा का मुकाबला कर उसे रोकती है।
शाइस्ता एक मुस्लिम परिवार पर आधारित एक लड़की की कहानी है। जिसकी लेखिका खुद रमा पांडेय हैं और इस नाटक की प्रोड्यसर व डायरेक्टर भी वही हैं।
राजधानी दिल्ली के मंडी हाउस स्थित श्री राम सेंटर में शुक्रवार को शाम के पहर रतनव(रमा थियेटर नाट्य विद्या) द्वारा त्रिदिवसीय आयोजन के दूसरे दिन शाइस्ता नाटक का मंचन रमा पांडेय के कुशल निर्देशन में किया गया है। मंच पर कलाकारों की भावपूर्ण प्रस्तुति ने पूरे शो में दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रही। खचाखच भरे हाल में दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट कलाकारों की उम्दा प्रस्तुति को बया कर रही थीं। नाटक मंचन का संचालन खुद रमा पांडेय ने किया साथ ही उन्होंने बीच- बीच मे नाटक की कहानी का उद्देश्य बताते हुए समाजिक कुरीतियों पर जमकर चोट करते हुए इन्हें मिटाने व बेटी- बेटा की शिक्षा पर जोर देने के साथ महत्व को समझाया।
नाटक मंचन में गजाला साद ने शाइस्ता की मां के अभिनय का जीवंत अभिनय किया। शो के मुख्य अतिथि पंडित साजन मिश्रा ने रमा पांडेय व अन्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरिआत की । मुख्य अतिथि ने नाटक मंचन के कुशल संचालन व निदेशन के लिए रमा पांडेय व कलाकारों के भावपूर्ण मंचन की भूरी- भूरी प्रशंसा की।