भारत की पहली महिला शिक्षक सावित्रीबाई ने समाज सुधारक से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में अंकुरणीय कार्य किया देवेंद्र सिंह नरवरिया

सावित्रीबाई फुले शिक्षक होने के साथ भारत के नारी मुक्ति आंदोलन की पहली नेता समाज सुधारक के रूप में साबित हुई- डॉक्टर रमेश दुबे
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2024-01-04 16:51:22

भिण्ड। भारतीय जनता पार्टी कार्यालय पर सावित्री बाई फुले की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित हुआ। सभी पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने उनके छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए भाविनी यह श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके जीवन पर प्रकाश डाला। भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष देवेंद्र सिंह नरवरिया ने सावित्रीबाई फुले की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारत की पहली महिला टीचर सावित्रीबाई फुले,भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई ने अपने पति समाजसेवी महात्मा ज्योतिबा फुले के साथ मिलकर 1848 में उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की थी। महाराष्ट्र के सतारा जिले के नयागांव में एक दलित परिवार में 3 जनवरी 1831 को जन्‍मी सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षिका थी।

इनके पिता का नाम खन्दोजी नैवेसे औ माता का नाम लक्ष्मी था। सावित्रीबाई फुले शिक्षक होने के साथ भारत के नारी मुक्ति आंदोलन की पहली नेता, समाज सुधारक और मराठी कवयित्री भी थी। इन्‍हें बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए समाज का कड़ा विरोध झेलना पड़ा था। कई बार तो ऐसा भी हुआ जब इन्हें समाज के ठेकेदारों से पत्थर भी खाने पड़े। पार्टी जिला अध्यक्ष नरवरिया ने कहा कि सभी कार्यकर्ता उनके विचारों को समाज के अंतिम छोर तक के के व्यक्ति तक पहुंच कर समाज को जागृत करें यही उनके लिए आज की श्रद्धांजलि का हम सबके लिए संकल्प होगा।

भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्य समिति के सदस्य वरिष्ठ नेता डॉ रमेश दुबे ने सावित्रीबाई फुले के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आजादी के पहले तक भारत में महिलाओं की गिनती दोयम दर्जे में होती थी। आज की तरह उन्‍हें शिक्षा का अधिकार नहीं था। वहीं अगर बात 18वीं सदी की करें तो उस समय महिलाओं का स्कूल जाना भी पाप समझा जाता था। ऐसे समय में सावित्रीबाई फुले ने जो कर दिखाया वह कोई साधारण उपलब्धि नहीं है। वह जब स्कूल पढ़ने जाती थीं तो लोग उन पर पत्थर फेंकते थे। इस सब के बावजूद वह अपने लक्ष्य से कभी नहीं भटकीं और लड़कियों व महिलाओं को शिक्षा का हक दिलाया। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है।

भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई ने अपने पति समाजसेवी महात्मा ज्योतिबा फुले के साथ मिलकर 1848 में उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की थी। मनोज अनंत जिला महामंत्री, बजरंग भदौरिया जिला मंत्री, सुभाष मंडल अध्यक्ष प्रदीप भदौरिया टीपू,महाराणा प्रताप मंडल अध्यक्ष शेरू पचोरी, वानखंडेश्वर मंडल अध्यक्ष अमित जैन भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला महामंत्री अतिराज नरवरिया, भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य अतुल पाठक रोहित शाक्य शेखर खटीक आशीष कांकर श्याम सिंह राठौर सतेंद्र राजावत प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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