प्रशासन में सुशासन और पारदर्शिता की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं समाधान शिविर

इस पहल का उद्देश्य जनता की शिकायतों का त्वरित और प्रभावी समाधान करना है, जो सरकार और नागरिकों के बीच विश्वास को पुनर्जीवित करता है।
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2025-02-01 19:26:01

हिसार / हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई समाधान शिविर की पहल एक जनोपयोगी प्रयास है, जो प्रशासन में सुशासन और पारदर्शिता की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है। इस पहल का उद्देश्य जनता की शिकायतों का त्वरित और प्रभावी समाधान करना है, जो सरकार और नागरिकों के बीच विश्वास को पुनर्जीवित करता है। इन शिविरों के माध्यम से लोगों की शिकायतों का त्वरित समाधान व उन्हें सरकारी सेवाओं का लाभ सहजता से उपलब्ध कराया जाता हैं। प्रत्येक जिला मुख्यालय, उप-मंडल मुख्यालय और नगर निगम मुख्यालय पर सुबह 10 से 12 बजे तक आयोजित होने वाले इन शिविरों में जिला उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, एसडीएम, डीडीपीओ, डीआरओ, तहसीलदार और नगर निगम आयुक्त जैसे वरिष्ठ अधिकारी स्वयं उपस्थित रहते हैं। जनता अपनी समस्याओं को आवेदन पत्र के माध्यम से प्रस्तुत करती है, और अधिकांश समस्याओं का तुरंत समाधान कर दिया जाता है। वे शिकायतें, जिनका समाधान स्थानीय स्तर पर संभव नहीं है, मुख्यालय भेजी जाती हैं। इन शिकायतों को एक केंद्रीकृत पोर्टल पर दर्ज किया जाता है, जिसकी निगरानी मुख्य सचिव स्तर पर होती है। यदि किसी शिकायत का समाधान तीन दिनों के भीतर नहीं हो पाता तो संबंधित विभागों को रिमाइंडर और निर्देश दिए जाते हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद प्रशासनिक सुधारों को प्राथमिकता दी। उनकी नीतियों ने जनता के साथ सीधे संवाद और समस्याओं के त्वरित समाधान पर जोर दिया। समाधान शिविर विभिन्न प्रकार की समस्याओं के समाधान में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। फैमिली आईडी या परिवार पहचान पत्र में त्रुटियों को ठीक करने से लेकर सामाजिक पेंशन और अन्य सरकारी लाभों में आने वाली समस्याओं का समाधान त्वरित गति से किया जा रहा है। ऐसे शिविर न केवल जनता के लिए एक राहत की उम्मीद बनते हैं, बल्कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता भी सुनिश्चित करते हैं।हरियाणा सरकार ने समाधान शिविरों की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए शिकायतों की निगरानी प्रक्रिया को और अधिक सुदृढ़ बनाया है। साथ ही तकनीकी और मानव संसाधनों का सही उपयोग कर लंबित शिकायतों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया हैं। मुख्यमंत्री ने सरकारी अस्पतालों में मुफ्त डायलिसिस सेवाओं की घोषणा की। इससे गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को बड़ी राहत मिली है। कानून और व्यवस्था पर सख्त रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री ने अपराधियों को चेतावनी दी कि या तो वे राज्य छोड़ दें या सुधर जाएं। समाधान शिविरों और स्वास्थ्य सेवाओं ने आम जनता के जीवन को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का नेतृत्व हरियाणा को एक प्रगतिशील राज्य बनाने की दिशा में अग्रसर है। इन सुधारों से हरियाणा में विकास और स्थिरता के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। हरियाणा सरकार की समाधान शिविर पहल जनता और प्रशासन के बीच की दूरी को पाटने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इस पहल ने न केवल जनता को राहत प्रदान की है, बल्कि सरकारी योजनाओं और नीतियों के प्रति उनका विश्वास भी बढ़ाया है। यह पहल एक अंधेरे में सूरज की पहली किरण की तरह है, जो जनहित और सुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। हरियाणा का यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा है। यह दिखाता है कि सही दृष्टिकोण और जनता से संवाद स्थापित कर प्रशासनिक बाधाओं को पार किया जा सकता है। यदि इस पहल को अन्य राज्यों में दीर्घकालिक और व्यापक दृष्टिकोण से लागू किया जाए, तो यह भारत में सुशासन का एक आदर्श बन सकता है।

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