2025-01-18 19:33:24
अलीगढ़ : बन्नादेवी थाना क्षेत्र के नगला कलार में 12 जुलाई 2014 में पत्नी, बेटे और पड़ोसिन की गोली मारकर हत्या करने वाले रिटायर फौजी को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। दोषी ने 11 साल पहले यह तिहरा हत्याकांड किया था, जिसके बाद मामले की सुनवाई एडीजे कोर्ट 2 में चल रही थी। जिसके बाद उन्होंने अपने लाइसेंसी बंदूके निकाल ली थी। दोषी के पास रिवाल्वर और रायफल दोनों थी। पत्नी से बहस के बाद हत्यारे ने सबसे पहले पत्नी के सीने में गोली मारी थी। जिससे उसकी मौत हो गई थी।अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश द्वितीय ने हत्या करने वाले रिटायर्ड फौजी मनोज कुमार पुत्र राजेंद्र पाल सिंह को मृत्यु दंड दिया है। इसके साथ ही दोषी पर एक लाख रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया गया है। यह अर्थ दंड दोषी को अदा करना होगा। कोर्ट से सजा होने के बाद पुलिस ने दोषी को हिरासत में ले लिया है। रिटायर्ड फौजी के खिलाफ उसकी बेटी ने ही कोर्ट में गवाही दी है। बेटी अश्मिता घटना के समय सिर्फ 13 साल की थी। उसने कोर्ट को बताया कि उसकी मां सीमा से पिता की बहस हुई थी। जिसके बाद पिता ने मां के सीने में गोली मार दी। जब किराए पर रहने वाली महिला शशि बीच बचाव कराने लगी तो फौजी ने शशि को भी गोली मार दी। गोलियों की आवाज सुनकर उसका 7 साल का छोटा भाई मानवेंद्र, जो उस समय कक्षा 3 में पढ़ता था, वहां आ गया। वह अपने पिता के पैर में लिपट गया था। लेकिन फौजी को उस पर भी दया नहीं आई। दोषी ने 7 साल के मासूम को भी गोली मार दी, जिसके कारण उसकी भी मौके पर ही मौत हो गई। दोषी ने अश्मिता को भी गोली मारी थी, लेकिन वह बच गई थी। घटनाक्रम के बाद पूरा इलाका दहल गया था और लोग वहां आ गए थे। फौजी का साला दिलीप कुमार भी उसी समय अपनी बहन से मिलने आया था, लेकिन उसने देखा कि इलाके में भीड़ लगी हुई है। अफरा-तफरी का माहौल था। जिसके बाद लोगों ने उसे घटना की जानकारी दी थी। लोगों ने ही फौजी को पकड़कर हथियार समेत पुलिस के हवाले कर दिया था। दिलीप की तहरीर पर ही पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था और लगातार 11 साल से मामले की सुनवाई चल रही थी। बेटी के बयान के आधार पर कोर्ट ने रिटायर्ड फौजी मनोज कुमार को दोषी माना है और फांसी की सजा सुनाई है।