2025-01-22 19:26:34
अलीगढ़।अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जेएन मेडिकल कॉलेज के एनेस्थिसियोलॉजी और क्रिटिकल केयर विभाग के प्रोफेसर एस मुईद अहमद ने पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, चंडीगढ़ में सोसाइटी ऑफ ट्रॉमा एनेस्थीसिया एंड क्रिटिकल केयर द्वारा आयोजित सीएमई-सह-कार्यशाला में ‘आपातकालीन फ्रंट ऑफ नेक एक्सेस - क्या, क्यों, कब और कैसे’ विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किय प्रोफेसर अहमद ने एक ऐसे मरीज के उपचार के लिए विभिन्न तकनीकों का प्रदर्शन किया, जो ‘पूर्ण वेंटिलेशन विफलता या जिसका इंट्यूबेट नहीं किया जा सकता और जिसे ऑक्सीजन नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही दुर्लभ स्थिति है और रेजिडेंट डॉक्टर और अधिकांश एनेस्थेसियोलॉजिस्ट आमतौर पर अपने प्रशिक्षण अवधि या अपने जीवनकाल के दौरान इस संकट का अनुभव नहीं करते हैं। इसलिए, डॉक्टरों को इन तकनीकों को सीखने और अभ्यास करने की आवश्यकता है और ऐसे संकट से निपटने के लिए उन्हें तैयार रहना चाहिए। ऑल इंडिया डिफिकल्ट एयरवे एसोसिएशन द्वारा सुझाई गई तीन तकनीकों का उल्लेख करते हुए उन्होंने सर्जिकल एवं स्केलपेल बोगी तकनीक, कैनुला तकनीक और नीडल क्रिकोथायरॉइडोटॉमी तकनीक पर चर्चा की और पुतलों और जानवरों के मॉडल की मदद से इन तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी प्रदान किया।