प्रमुख तीर्थ स्थलों के समग्र विकास के लिए प्रमुख सचिव धर्मार्थ कार्य ने की वीडियो कांफ्रेंसिंग

डीएम-सीडीओ धर्मार्थ मार्गों के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण, नवीन मार्गों के निर्माण, पब्लिक एम्निटीज एवं पार्किंग सुविधाओं के विकास, भूमि क्रय संबंधी भेजें प्रस्ताव
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2025-04-11 23:01:32

अलीगढ़ 11 अप्रैल 2025 (सू0वि0): जिलों के प्रमुख तीर्थ स्थलों के समग्र विकास के लिए उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं। प्रमुख सचिव धर्मार्थ कार्य मुकेश मेश्राम द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी डीएम-सीडीओ को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में धर्मार्थ मार्गों के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण, नवीन मार्गों के निर्माण, पब्लिक एम्निटीज एवं पार्किंग सुविधाओं के विकास, भूमि क्रय के प्रस्ताव, आईपीआईएस पोर्टल पर समेकित सूचना फीडिंग समेत राजकीय एवं सार्वजनिक मंदिरों की सही सूचना एवं विवरण एकत्रित कर उचित प्रस्ताव भेजे जाएं। प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन मुकेश मेश्राम ने बताया कि श्रद्धालुओं को बेहतर आवागमन की सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के लिए प्रदेश सरकार दृढ़ संकल्पित है। प्रदेश भर के सभी जिलों के लिए चालू वित्तीय वर्ष में लगभग 3100 करोड़ तक के प्रस्ताव प्राप्त किए जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति एवं पौराणिक महत्व वाले प्राचीन मंदिरों, जहां प्रतिवर्ष 05 लाख श्रद्धालु पहुॅचते हों, विभिन्न प्रकार की सुविधाओं को विकसित किए जाने का प्रदेश सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि महत्वपूर्ण मंदिरों के साथ ही बौद्ध स्थलों, जैन तीर्थ स्थलों, कबीर मठ, रविदास मंदिर, बौद्ध विहार, बाल्मीकी मंदिरों सहित नाथ सम्प्रदाय से जुड़े धार्मिक स्थलों के समग्र विकास के लिए प्रस्ताव जल्द से जल्द उपलब्ध कराए जा सकते हैं। मुकेश मेश्राम प्रमुख सचिव धर्मार्थ कार्य ने बताया कि पूर्व में जहां संपर्क मार्गों की मरम्मत कराए जाने का प्राविधान था, वहीं चालू वित्तीय वर्ष में सड़क चौड़ीकरण के साथ नवीन सड़कों का भी निर्माण कराया जाएगा। सड़कों के किनारे समुचित एवं सुरक्षित उच्चस्तरीय प्रकाश व्यवस्था, ड्रैनेज व्यवस्था, पाथ-वे, साइनेज, सघन वृक्षारोपण के कार्यों को भी प्रस्तावों में सम्मिलित किया जाए। धार्मिक स्थलों के आसपास पब्लिक सुविधाएं, फूड कोर्ट, कैंटीन, लॉकर रूम, धर्मशालाएं, डोरमैट्री निर्माण के लिए नजूल या दान की भूमि समेत आवश्यकतानुसार भूमि को क्रय करने का भी प्राविधान किया गया है। धार्मिक दृष्टि से मान्य नदियों के किनारे भजन संध्या एवं सत्संग स्थल बेदिकाएं आदि भी बनाए जा सकेंगे। सार्वजनिक एवं राजकीय मंदिरों की सम्पूर्ण जानकारी आईपीआईएस पोर्टल पर आपलोड करने के निर्देश देते हुए सार्वजनिक एवं राजकीय मंदिरों की स्थिति, व्यवस्थापन, आय-व्यय विवरण संबंधी सूचनाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

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