बिजौली मे महा शिब रात्रि मिला की तैयारी शुरू ब्यापरी सजाने लगे अपने अपने प्रतिष्ठा न सजाने लगे

ब्लाॅक बिजौली मे प्रसिद्ध मिला लगता है यह मेला भगवाँ न शिव के मन्दिर पर क्षेत् के आम जन दूर दूर से गंगा जल लाकर शिवजी पर चढ़ाकर अपने को धन्य मानते है तहसील अतरौली मे प्रसिद्ध मेला लगता है
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2025-02-22 19:30:25

अलीगढ़ /छर्रा: अलीगढ़ /छर्रा ब्लाॅक बिजौली मे प्रसिद्ध मिला लगता है यह मेला भगवाँ न शिव के मन्दिर पर क्षेत् के आम जन दूर दूर से गंगा जल लाकर शिवजी पर चढ़ाकर अपने को धन्य मानते है तहसील अतरौली मे प्रसिद्ध मेला लगता है हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इसी वजह से हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन को शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक माना जाता है. महाशिवरात्रि से जुड़ी कुछ और मान्यताएं: इस दिन महादेव ने समुद्र मंथन के दौरान निकले ज़हर को पीकर दुनिया को अंधकार से बचाया था. इस वजह से उनका गला नीला हो गया था और उनका नाम नीलकंठ पड़ा. इस दिन भगवान शिव ने वैराग्य त्याग कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था. इस दिन भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग स्वरूप में प्रकाट्य हुआ था. इस दिन भगवान शिव ने सृजन, संरक्षण और विनाश का अपना लौकिक नृत्य तांडव किया था. हर साल महाशिवरात्रि का पर्व महादेव और माता पार्वती के विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है. इसे शिव-पार्वती के मिलन का दिन भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस तिथि पर शंकर जी और देवी पार्वती की पूजा करने से वह प्रसन्न होते हैं और सभी कष्टों का निवारण करते हैं

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