2025-03-30 21:39:45
अलीगढ / पुलिस ने महिला को बेरहमी से पीटा। घर लौटने पर महिला इस कदर डर गई कि उसने पेड़ से फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। यूपी के अलीगढ़ जनपद में दादों पुलिस की बर्बरता का मामला सामने आया है। पुलिस ने महिला को पीटते हुए घसीट कर गाड़ी में बैठाया। पीटने पर जब महिला बेहोश हो गई तो पानी पिलाकर होश में लाए और फिर रास्ते में पीटा। थाने में ले जाकर महिला को फिर पीटा गया। जब महिला थाने से छूट कर घर आई तो उसने पुलिस के डर से घर के पास पेड़ पर फंदा डालकर खुदकुशी कर ली। मामले में थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 29 मार्च को दादों थाना अंतर्गत गांव लहरा में प्रेमी आरोपी छोटे उर्फ राकेश निवासी नगला जीवाराम तमंचे के बल पर एक महिला को अपने साथ ले गया था। आरोपी छोटे उर्फ राकेश की बहन थाना पाली मुकीमपुर के गांव हरनोट भोजपुर निवासी 46 वर्षीय लक्ष्मी देवी पत्नी भूरे सिंह 29 मार्च को खेत में अपने बेटे के साथ गेहूं काट रही थी। करीब एक बजे थाना दादों प्रभारी योगेंद्र सिंह पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे और महिला को जबरन अपने साथ ले जाने लगे। महिला के छोटे बेटे लोकेश ने बताया कि मामा छोटे पर कोई मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसके संबंध में दादों पुलिस उसकी मां लक्ष्मी को जबरन ले जाने लगी। लक्ष्मी ने जब जाने से मना किया तो पुलिस कर्मियों ने मारपीट करते हुए उसे घसीट कर गाड़ी में बैठा लिया। मारपीट से लक्ष्मी बेहोश हो गई। महिला को पानी पिलाकर होश में लाया गया और फिर गाड़ी में बिठा लिया। लोकेश ने बताया कि उसे व उसकी मां लक्ष्मी को पुलिस रास्ते में पिटाई करते हुए थाने ले गई। इसके बाद महिला की थाने ले जाकर भी पिटाई की। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के सुपुर्दगी में मां-बेटे को पुलिस ने 29 मार्च की शाम छोड़ दिया। पुलिस ने पूछताछ के लिए सुबह 10 दोनों को लेकर आने की बात कही। जिससे महिला काफी डर गई। पुलिस के डर से महिला ने घर से 50 मीटर दूर पेड़ पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों ने 30 मार्च सुबह शव पेड़ पर लटका देखा और 112 नंबर पर सूचना दी। सूचना पर थाना पाली मुकीमपुर की पुलिस पहुंच गई। वहां छर्रा, गंगीरी, पाली मुकीमपुर समेत पुलिस फोर्स मौजूद रही। वहां सीओ धनंजय भी पहुंच गए। उन्होंने परिजनों को शव के पोस्टमार्टम के लिए भेजने के लिए काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने। आक्रोश में परिजन हंगामा करने लगे। परिजनों की मांग थी कि पहले थाना दादों प्रभारी अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो, उसके बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए शव जाने देंगे। ग्रामीण हंगामा करते रहे। करीब 1:20 पर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अमृत जैन व सीओ इगलास महेश कुमार पहुंचे और समाजसेवी प्रेमश्री यादव से वार्ता की। इसके बाद परिजनों को समझाया गया। थाना प्रभारी दादों योगेंद्र सिंह को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया। जांच के बाद निलंबित करने की कार्रवाई का आश्वासन दिया। प्रशासन से मुआवजा दिलाने की बात कही। जिस पर परिजन मान गए और शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। मृतक अपने पीछे पति सहित तीन बेटों को रोते बिलखते छोड़ गई। हरनोट भोजपुर का मामला संज्ञान में आया है। पीड़ित परिवार के साथ अन्याय नहीं होगा। मेरी परिजनों से वार्ता हुई है। उन्हें सांत्वना देते हुए न्याय दिलाने का भरोसा दिया है। एसएसपी से वार्ता हुई। पूरे प्रकरण की जांच करते हुए एसओ सहित थाने के जो भी पुलिस कर्मी इसमें संलिप्त हैं, उनके निलंबन और विभागीय कार्यवाही करने को कहा है।