2025-04-23 19:50:25
गुरुग्राम । पुलवामा में सीआरपीएफ पर आतंकी हमला और अब पहलगाम में भी आतंकी हमला सबसे बड़ी और अनुशासित कहीं जाने वाली पॉलीटिकल पार्टी के शासनकाल में इन दो बड़े नरसंहार के दोषियों की ठोस पहचान के साथ सजा कब होगी ? आज यही सुलगता सवाल 140 करोड़ भारतीय के जेहन मे उमड़ता हुआ महसूस किया जा रहा है। आज पूरी दुनिया में पीएम मोदी के नाम का डंका बजाने का दावा किया जा रहा है दूसरी तरफ हमारे अपने ही देश में बेकसूर सुरक्षा बल और आम नागरिक किस अपराध की सजा भुगत रहे हैं ? “22 अप्रैल मंगलवार 2025 का दिन हर भारतीय दिलों पर हमेशा एक घाव बनकर रहेगा । पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने समूचे देश को गहरे शोक और आक्रोश में डाल दिया है। इस क्रूर हमले में 28 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई। ये लोग देश के विभिन्न हिस्सों से जम्मू-कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता देखने आए थे, लेकिन उन्हें आतंकी हिंसा का शिकार बनना पड़ा। इस नृशंस हमले की जितनी भी निंदा की जाए, कम है। आतंकी हमले से आहत सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री श्रीमती पार्लर चौधरी ने अपने शब्दों को संवेदना की श्रद्धांजलि में पिरोते हुए यह बात कही। आतंकवादी केवल और केवल कायर होते उन्होंने बेहद भावुक मन से कहा मैं उन सभी शहीद नागरिकों के परिवारों के प्रति अपनी गहन संवेदना और प्रार्थनाएँ व्यक्त करती हूँ। पूरा देश इस कठिन घड़ी में उनके साथ है। हम उनकी पीड़ा को अपना समझते हैं। इस नृशंस हमले की जिम्मेदारी द रेज़िस्टेंस फ्रंट ( टीआरएफफ )ने ली है, जो कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एल इ टी ) का ही एक छद्म नाम और सहयोगी संगठन है। टीआरएफफ जैसे संगठन यह भ्रम फैलाने की कोशिश करते हैं कि ये स्थानीय आंदोलन हैं । लेकिन सच्चाई यह है कि इनके तार सीमा पार से संचालित होते हैं और इनका उद्देश्य भारत की शांति को भंग करना है। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार से माँग हैं कि टीआरएफफ, एल इ टी और इनके जैसे अन्य संगठनों तथा इनके समर्थकों को एक्सेम्पलरी सजा दिलाई जाए। यह सजा ऐसी होनी चाहिए कि आतंकवाद को समर्थन देने वाले हर व्यक्ति को चेतावनी मिले। यह याद रखना जरूरी है कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता। आतंकवादी केवल और केवल कायर होते हैं — वे अंधेरे में छिपकर हमला करते हैं, मासूम लोगों की जान लेते हैं, और समाज में भय फैलाते हैं। उन्हें शांति, सद्भाव और मानवता से घृणा होती है। काँग्रेस आतंकवाद के दर्द को भलीभाँति झेला कांग्रेस नेत्री श्रीमती चौधरी ने कहा इस वक्त एक और बात उल्लेखनीय है — ऐसा प्रतीत होता है कि परमपिता परमेश्वर ने भी अब इन दोषियों को दंड देना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में इसी हमले के कुछ घंटों बाद 6.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। क्या यह एक संयोग है या दैवी न्याय की प्रारंभिक झलक ? इतिहास ही इसका उत्तर देगा, लेकिन न्याय का पहिया अवश्य घूम रहा है। उन्होंने कहा काँग्रेस पार्टी आतंकवाद के दर्द को भलीभाँति समझती है। हमने अपने दो महान प्रधानमंत्रियों — श्रीमती इंदिरा गांधी और राजीव गांधी — को आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में खोया है। ये बलिदान हमारे पार्टी के इतिहास के गहरे और अमिट अध्याय हैं। हमारी पार्टी ने न केवल यह पीड़ा सही है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ मजबूत नीतियाँ भी बनाई हैं। हम जानते हैं कि आतंकवाद से लड़ना एक दीर्घकालिक और दृढ़ संकल्प की माँग करता है। राष्ट्रीय एकता-अखंडता से बड़ा कोई एजेंडा नहीं उन्होंने दृढ़ शब्दों में कहा इसीलिए, काँग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह स्पष्ट निर्णय लिया है कि काँग्रेस पार्टी भारत सरकार के हर उस ठोस कदम का पूरा समर्थन करेगी जिससे आतंकवाद का समूल नाश हो सके। इसमें सशस्त्र बलों की कार्रवाई, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, कूटनीतिक दबाव और आंतरिक सुरक्षा मजबूत करना शामिल है। हमें इस समय एकता की आवश्यकता है, राजनीति की नहीं। देश की सुरक्षा, नागरिकों की जान और राष्ट्रीय अखंडता से बड़ा कोई एजेंडा नहीं हो सकता। हम एकजुट हैं, सतर्क हैं और आतंक के खिलाफ अडिग हैं। हम सभी देशवासी शोक में हैं, पर असहाय नहीं। हर आँसू, हर चुप्पी, हर टूटी सांस… एक सवाल है – “कब तक ?”