2023-10-14 13:03:48
नई दिल्ली: मिशन लाइफ पर कल आयोजित संसदीय फोरम के बाद आज नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, यशोभूमि के द्वारका में 9वें जी20 संसदीय अध्यक्षों का शिखर सम्मेलन (पी20 शिखर सम्मेलन) की शानदार शुरुआत हुई। प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी ने इस शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला उपस्थित थे। जी20 के सदस्य देशों और आमंत्रित देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारी, अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) के अध्यक्ष श्री डुआर्टे पचेको एवं अन्य नेताओं की मौजूदगी ने भी इस शिखर सम्मेलन की शोभा बढ़ाई। भारत की जी20 अध्यक्षता के व्यापक ढांचे के तहत एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद विषय के साथ इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारतीय संसद द्वारा की जा रही है।
प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह शिखर सम्मेलन दुनिया भर की सभी संसदीय प्रथाओं का एक महाकुंभ है। उन्होंने कहा कि आज इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों को विभिन्न देशों की संसदीय व्यवस्थाओं का पर्याप्त अनुभव है। उन्होंने आज के इस आयोजन के लिए काफी संतोष व्यक्त किया।
पी20 शिखर सम्मेलन उस भूमि पर आयोजित हो रहा है जो न केवल लोकतंत्र की जननी के रूप में जानी जाती है बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भी है
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि पी20 शिखर सम्मेलन उस भूमि पर हो रहा है जो न केवल लोकतंत्र की जननी के रूप में जानी जाती है बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भी है। प्रधानमंत्री ने चर्चा एवं विचार-विमर्श के महत्व को रेखांकित किया और इतिहास से ऐसी चर्चाओं के कई उम्दा उदाहरणों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि भारत के पांच हजार साल पुराने वेदों और शास्त्रों में सभाओं और समितियों का उल्लेख मिलता है, जहां समाज की भलाई के लिए सामूहिक निर्णय लिए जाते थे।
प्रधानमंत्री ने समय के साथ-साथ भारत में संसदीय परंपराओं के लगातार हो रहे विकास और उसकी मजबूती के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से अब तक भारत में 17 आम चुनाव और 300 से अधिक विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इस सबसे बड़ी चुनावी कवायद में लोगों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि 2019 का आम चुनाव मानव इतिहास की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया थी क्योंकि इसमें 60 करोड़ मतदाताओं ने भाग लिया था।
भारत आज हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दे रहा है
प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधियों को संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के हालिया फैसले की जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय स्वशासन संस्थाओं में 30 लाख से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधियों में लगभग 50 प्रतिशत महिलाएं हैं।
प्रधानमंत्री ने भारत की संसदीय परंपराओं में नागरिकों के अटूट विश्वास को उजागर किया और इसका श्रेय उसकी विविधता एवं जीवंतता को दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे यहां हर धर्म के लोग रहते हैं। यहां सैकड़ों प्रकार के व्यंजन, रहन-सहन, भाषाएं एवं बोलियां हैं।
विभाजित दुनिया मानवता के सामने मौजूद चुनौतियों का समाधान नहीं दे सकती
प्रधानमंत्री ने दुनिया की पारस्परिक तौर पर जुड़े होने की प्रकृति का उल्लेख करते हुए कहा कि संघर्ष और टकराव से भरी दुनिया किसी के हित में नहीं है। उन्होंने कहा, विभाजित दुनिया मानवता के सामने मौजूद बड़ी चुनौतियों का समाधान नहीं दे सकती है। यह शांति और भाईचारे का समय है, साथ मिलकर आगे बढ़ने का समय है। यह सबके विकास और सबकी खुशहाली का समय है। हमें वैश्विक विश्वास संकट से उबरना होगा और मानव केंद्रित सोच के साथ आगे बढ़ना होगा। हमें दुनिया को एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की भावना से देखना होगा।
आतंकवाद चाहे कहीं भी हो, किसी भी कारण से या किसी भी रूप में हो, वह मानवता के खिलाफ है
लोकसभा अध्यक्ष द्वारा प्रतिनिधियों को नए संसद भवन का दौरा कराने जाने के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दशकों से सीमा पार आतंकवाद से जूझ रहा है और उसमें हजारों निर्दोष लोग मारे जा चुके हैं। श्री मोदी ने करीब 20 साल पहले भारत की संसद पर हुए आतंकवादी हमले को याद किया। उस दौरान संसद सत्र चल रहा था और आतंकवादी सांसदों को बंधक बनाने और मारने पर आमादा थे। उन्होंने कहा, ऐसी तमाम आतंकवादी घटनाओं से निपटने के बाद भारत आज यहां तक पहुंचा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया भी आतंकवाद की बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है। श्री मोदी ने कहा, आतंकवाद चाहे कहीं भी हो, किसी भी कारण से या किसी भी रूप में हो, वह मानवता के खिलाफ है। उन्होंने ऐसी स्थिति से निपटने के लिए सीधे तौर पर कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए जनभागीदारी से बेहतर कोई तरीका नहीं
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन करते हुए इस बात को रेखांकित किया कि दुनिया की चुनौतियों से निपटने के लिए जनभागीदारी से बेहतर कोई तरीका नहीं हो सकता। सरकारें बहुमत से बनती हैं, मगर देश सर्वसम्मति से चलता है। प्रधानमंत्री ने कहा, हमारी संसद और यह पी20 फोरम भी इस धारणा को मजबूत कर सकते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि चर्चा और विचार-विमर्श के जरिये इस दुनिया को बेहतर बनाने के प्रयास निश्चित तौर पर सफल होंगे।
लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि पी20 शिखर सम्मेलन वैश्विक महत्व के मुद्दों के समाधान एवं समकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए लोकतांत्रिक मूल्यों, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और संयुक्त संसदीय प्रयासों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारत ने एसडीजी के लिए नीतिगत ढांचा पहले ही तैयार कर लिया है
लोकसभा अध्यक्ष ने इस शिखर सम्मेलन के एजेंडे के बारे में बताते हुए कहा कि भारत ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने के लिए एक नीतिगत ढांचा पहले ही तैयार कर लिया है। उसका उद्देश्य समग्र मानव विकास के जरिये एक बेहतर दुनिया तैयार करना है। उन्होंने कहा कि भारतीय संसद में इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा हुई है।
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सस्टेनेबल एनर्जी ट्रांजिशन बेहद जरूरी
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में सस्टेनेबल एनर्जी ट्रांजिशन मौजूदा समय की सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत हरित विकास और हरित भविष्य को प्राथमिकता देते हुए सस्टेनेबल एनर्जी ट्रांजिशन के क्षेत्र में कई पहल कर रहा है।
महिलाओं के नेतृत्व में विकास से 21वीं सदी की दुनिया में बड़ा बदलाव आएगा
श्री बिड़ला ने हाल में पारित नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उल्लेख करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण किसी भी देश के विकास का प्रतिबिंब है। भारत अब महिला सशक्तिकरण से महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की ओर बढ़ चुका है। उन्होंने कहा, अब पंचायत से संसद तक नीति निर्धारण और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। भारतीय संसद में विशेष सत्र के पहले दिन नारी शक्ति वंदन विधेयक पारित किया गया, जिसके जरिये अब लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। श्री बिड़ला ने उम्मीद जताई की कि महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास 21वीं सदी की दुनिया में जबरदस्त बदलाव लाएगा।
सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचे ने समाज के अंतिम व्यक्ति के जीवन में भी बदलाव लाया है
लोकसभा अध्यक्ष ने सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्मों के जरिये लोगों के जीवन में बदलाव लाने के बारे में बताते हुए कहा कि ये प्लेटफॉर्म समाज के अंतिम व्यक्ति के जीवन में भी बदलाव लाने में समर्थ हैं। उन्होंने कहा, डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग ने समावेशिता, पारदर्शिता एवं सुशासन का एक नया मॉडल विकसित किया है। डीबीटी, यूपीआई जैसे डिजिटल हस्तक्षेपों ने देश के सर्वांगीण विकास और समावेशी शासन का मार्ग प्रशस्त किया है। प्रौद्योगिकी के उपयोग ने संसद को जनता के लिए कहीं अधिक सुलभ बना दिया है।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के निचले सदन के अध्यक्ष ने कहा कि हाल में भारत की अध्यक्षता में संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणा-पत्र को सर्वसम्मति से अपनाया जाना वैश्विक मुद्दों पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण और भागीदार देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। श्री बिड़ला ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता समावेशी, आकांक्षी, कार्योन्मुख, निर्णायक और जनकेंद्रित रही है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन का विषय, वसुधैव कुटुंबकम- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य भारत के उन सांस्कृतिक लोकाचार में निहित है जो प्राचीन काल से ही व्यापक तौर पर दुनिया के हितों एवं प्राथमिकताओं को शामिल करते हुए समावेशी विकास को बढ़ावा देता रहा है।
सांसदों को शांति की वकालत अवश्य करनी चाहिए क्योंकि वह सतत विकास के लिए आवश्यक है
अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) के अध्यक्ष श्री डुआर्टे पचेको ने लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला और भारतीय संसद द्वारा गर्मजोशी से किए गए आतिथ्य-सत्कार की सराहना की। उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन के सफल नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को भी बधाई दी। श्री पचेको ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत की स्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र के लिए भारतीय संसद की केंद्रीयता एवं प्रासंगिकता के कारण पी20 शिखर सम्मेलन की सफलता अवश्यंभावी थी।
श्री पचेको ने दुनिया में शांति के बुनियादी मूल्य को रेखांकित करते हुए कहा कि सांसदों को दुनिया के सभी हिस्सों में शांति की वकालत अवश्य करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शांति के बिना दुनिया सतत विकास जैसे अन्य लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाएगी। श्री पचेको ने कहा कि सांसद इस बात को भलीभांति समझते हैं कि बातचीत और चर्चा के जरिये ही सर्वसम्मति बनाई जा सकती है। इसलिए वैश्विक मुद्दों के समाधान में उनकी भूमिका कहीं अधिक होनी चाहिए। उन्होंने इस दिशा में आईपीयू और पी20 द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
लोकसभा अध्यक्ष ने कोरिया की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष से मुलाकात की
लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला ने पी20 शिखर सम्मेलन के दौरान कोरिया गणराज्य की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष श्री किम जिन-प्यो से मुलाकात की। श्री बिड़ला ने बताया कि वर्ष 2023 भारत और कोरिया दोनों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत और कोरिया गणराज्य के बीच बहुआयामी सामरिक साझेदारी है। उन्होंने कहा, हमारे संबंध राजनीति, व्यापार, निवेश, रक्षा, संस्कृति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और लोगों से लोगों के बीच संपर्क जैसे विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत हुए हैं। बौद्ध भिक्षुओं की लगातार यात्राओं और ज्ञान एवं विचारों के आदान-प्रदान के जरिये बौद्ध धर्म ने दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लोकसभा अध्यक्ष ने भारत और कोरिया गणराज्य के बीच संसदीय सहयोग को कहीं अधिक गहराई देने पर भी जोर दिया।
नौवें पी20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन की दूसरी पाली में पीठासीन अधिकारियों ने लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला की अध्यक्षता में एक संयुक्त वक्तव्य को सर्वसम्मति से स्वीकार किया। विस्तृत सामग्री यहां पढ़ें।
पी20 शिखर सम्मेलन के बारे में अधिक जानकारी:
Ninth G20 Parliamentary Speakers’ Summit (P20) and Parliamentary Forum
Prime Minister to inaugurate 9th G20 Parliamentary Speakers Summit (P-20) in New Delhi on 13th October
Presiding Officers of G20 Nations begin arriving in India for 9th P20 Summit
9th P20 Summit to be preceded by Parliamentary Forum on Mission LiFE
Mission LiFE has given the world a new comprehensive approach for protecting environment and addressing challenges such as climate change: Lok Sabha Speaker
President of African Union and Speakers of Parliaments of Australia, UAE and Bangladesh call on Lok Sabha Speaker on the sidelines of 9th P20 Summit
PM inaugurates 9th G20 Parliamentary Speakers Summit (P20)
P20 Summit unanimously adopts Joint Statement
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