चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के खिलाफ अभी तक नही हुई कार्रवाई, छात्रछात्राओं के अभिभावकों में भारी रोष

कई मामलों में सुर्खियों में रहने वाले एक ही विद्यालय में बर्षों से जमे पड़े चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिसके चलते स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों में रोष व्याप्त है
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2024-10-23 16:13:02

पीलीभीत ज़िला संवाददाता सबलू खा पूरनपुर, पीलीभीत। कई मामलों में सुर्खियों में रहने वाले एक ही विद्यालय में बर्षों से जमे पड़े चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिसके चलते स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों में रोष व्याप्त है। एक ही विद्यालय में वर्षों से जमे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से प्रधानाध्यापक और छात्र-छात्राएं खौफ खा रहे हैं। इतना ही नहीं पूर्व में छात्र की पिटाई का पूरे प्रकरण को खंड शिक्षा अधिकारी भी डकार चुके हैं, अब इस मामले को चतुर्थ श्रेणी ने कर्मचारी का डर ही कहा जा रहा है। पूरनपुर बीआरसी क्षेत्र के गांव जटपुरा के परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूल के प्रधानाचार्य बृजेंद्र कुमार पांडेय ने बीईओ को दिए पत्र में कहा है कि करीब 25 साल से एक व्यक्ति मृतक आश्रित कोटे से स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मी के रूप में कार्यरत हैं। आरोप है कि वह स्कूल संबंधी किसी भी कार्य को करने से सीधे मना कर देते हैं। आरोप है कि स्कूल स्टाफ, बच्चों के साथ अक्सर गाली -गलौज करते हैं। आठ अक्टूबर को उन्होंने कक्षा सात के छात्र प्रवीन सिंह की बेरहमी से पिटाई कर दी थी। शिकायत पर अधिकारियों ने जांच की लेकिन कर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पूरनपुर में उच्च माध्यमिक विद्यालय जटपुरा के एक बड़े प्रकरण की जांच करने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी फाइलों में दवाए बैठे हैं। उच्च माध्यमिक विद्यालय जटपुरा में करीब 20-25 वर्षों से मृतक आश्रित कोटे की नौकरी पाकर स्कूल में बच्चों और अध्यापक पर मूंग दल रहा है। विगत माह अगस्त में आरोपी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने कक्षा 7 के विद्यार्थी प्रवीन सिंह को जमकर पीटा, पेट में लात मारी और सीने पर नाखून के निशान मिले थे। छात्र को पीटने का मामला कोतवाली तक भी पहुंचा था। और उसके बाद जांच पड़ताल की गई। लेकिन आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं हुई, इतना ही नहीं प्रकरण को संज्ञान में लेकर खंड शिक्षा अधिकारी जांच के लिए उच्च माध्यमिक विद्यालय पहुंचे थे, उन्होंने जांच की वीडियोग्राफी कराई और मामले की सच्चाई जान लेने के बाद भी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सके। मामले को दबाने के पीछे खंड शिक्षा अधिकारी का डर है या कोई और खास बात, लेकिन पुलिस के बाद विभागीय कार्रवाई न होना यही बता रहा है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की दबंगई हावी है। उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक बृजेंद्र कुमार पांडे ने बताया कि कर्मचारी के आचरण की शिकायत कई बार उच्च अधिकारियों से की गई, लेकिन उसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अगर उनका कहना है कि विद्यालय में कोई भी अनहोनी घटना होती है तो इसके जिम्मेदार विभागीय अधिकारी भी होंगे, सरकारी शैक्षिक कार्य में भी बड़ी दिक्कत आ रही है।

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