पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से मिली राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम, हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के बारे में दी जानकारी

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की टीम ने पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद रविवार को राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस से मुलाकात की
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2025-04-21 14:02:29

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की टीम ने पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद रविवार को राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस से मुलाकात की। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व में आयोग के सदस्यों ने कोलकाता स्थित राजभवन में मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी। पश्चिम बंगाल सरकार को महिलाओं और उनके परिवारों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने मीडिया से बात करते हुए बताया, “आज हमने राज्यपाल से मुलाकात की और अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान जो भी देखा और सुना है, उसके बारे में राज्यपाल को अवगत कराया है। मैंने यह भी कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार को महिलाओं और उनके परिवारों की रक्षा के लिए बहुत सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि उन्हें राहत मिले और डर का माहौल खत्म हो जाए।” महिलाओं और उनके परिवारों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए उन्होंने राज्यपाल से मिले आश्वासन पर कहा, “उनकी तरफ से कहा गया है कि परिवारों की सुरक्षा सरकार को जरूर करनी चाहिए। साथ ही महिलाओं और उनके परिवारों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। हालांकि, आज हमने उन्हें कोई रिपोर्ट नहीं दी है, सिर्फ चर्चा की गई है और जैसे ही रिपोर्ट तैयार होगी तो उनके (राज्यपाल) के पास भी भेजी जाएगी। अगर हमारी जरूरत फिर पड़ेगी तो जरूर आएंगे।” मुर्शिदाबाद जिले के धुलियान की महिलाओं ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि हिंसा-प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी रूप से सीमा सुरक्षा बल (BSF) के शिविर स्थापित किए जाएं राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने 18 और 19 अप्रैल को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने पीड़ित महिलाओं की आपबीती सुनी। मुर्शिदाबाद जिले के धुलियान की महिलाओं ने केंद्र से हिंसा प्रभावित इलाकों में स्थायी रूप से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) शिविर स्थापित करने का आग्रह किया है, ताकि सांप्रदायिक अशांति के बाद उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। अशांति के दौरान 250 से अधिक घरों और 100 दुकानों में तोड़फोड़ की गई एक महिला ने प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य के पैर छूते हुए कहा कि हम यहां स्थायी बीएसएफ शिविरों के बिना जीवित नहीं रह सकते। यदि आवश्यकता हुई, तो हम उन्हें स्थापित करने के लिए अपनी जमीन और घर देने के लिए तैयार हैं। इस बीच, मुर्शिदाबाद जिला प्रशासन ने संपत्ति के नुकसान पर एक प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की है। शुरुआती अनुमानों के अनुसार, अशांति के दौरान 250 से अधिक घरों और 100 दुकानों में तोड़फोड़ की गई। जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआती अनुमान है। विस्तृत आकलन पूरा होने पर वास्तविक आंकड़ा बढ़ सकता है।

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