2025-04-10 21:01:42
रेवाड़ी, 10 अप्रैल। डीसी अभिषेक मीणा ने बताया कि आगामी 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया का शुभ मुहुर्त है जोकि सार्वजनिक रूप से अखा तीज के नाम से भी जाना जाता है, सामाजिक प्रथा अनुसार इस शुभ मुहुर्त पर लोगों द्वारा बड़ी संख्या में विवाह, शादियों का आयोजन किया जाता है जिसकी आड़ में लोगों द्वारा काफी संख्या में बाल विवाह को भी संपन्न किया जाता है। बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा है बल्कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार कानून्न अपराध है। उपायुक्त ने अक्षय तृतीया के अवसर पर 30 अप्रैल को विवाह करवाने वाले पुजारी, पाठी, गांव के पंच, सरपंच, नंबरदार व शहरों में नगर पार्षदों एवं सामुदायिक केन्द्र, सार्वजनिक भवन, बैंकट हाल, मैरिज पैलेस, धर्मशाला इत्यादि के मालिक/प्रभारियों कार्ड प्रिंटिंग, फोटोग्राफर, बैंड बाजा व टेंट हाउस आदि के संचालकों से अपील की है कि वे अपने क्षेत्र में आयोजित होने वाले विवाह समारोह के संबंध में पहले से दुल्हा व दुल्हन के आयु प्रमाण पत्रों की जांच कर लें व आयु प्रमाण पत्रों की एक प्रति अपने पास भी रखे। अपने क्षेत्र में बाल विवाह का आयोजन न होने दें। ऐसा पाए जाने पर इसकी सूचना प्रशासन को दें और बाल विवाह रोकना सुनिश्चित करें। अभिषेक मीणा ने बताया कि विवाह के लिए लडक़ी की शादी की उम्र 18 वर्ष व लडक़े की शादी की उम्र 21 वर्ष निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व विवाह करना कानून्न अपराध है। नियम के तहत बाल विवाह के आयोजन में भागीदार सभी लोगों पर कानूनी कार्यवाही किए जाने का भी प्रावधान है, जिसके तहत 2 साल की जेल व एक लाख रूपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान हैै। उन्होंने कहा कि झूठी शिकायत करने वाले व्यक्ति के खिलाफ प्रशासन द्वारा सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि बाल विवाह के आयोजन के संबंध में सूचना समय रहते नजदीक के पुलिस थाना, चौकी में, आंगनवाड़ी वर्कर, डब्ल्यूसीडीपीओ, बाल सरंक्षण अधिकारी, डीपीओ, महिला एवं बाल विकास, एसडीएम, बीडीपीओ, तहसीलदार, सीटीएम, पुलिस अधीक्षक व बाल विवाह निषेध अधिकारी को उनके दुरभाष नंबर 8814011719 व पुलिस कंट्रोल रूम के हैल्प लाईन नंबर 112, चाईल्ड हैल्प लाईन नंबर 1098, तथा महिला हैल्प लाईन नंबर 181 पर दी जा सकती है