2025-02-21 20:41:51
सिवानी मंडी- मातृभाषा को बढ़ावा देने तथा भाषाई विविधता से अवगत करवाने के उद्देश्य से 21फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है।इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा का रजत जयंती समारोह शीर्षक के अंतर्गत देशभर के विभिन्न स्कूलों एवं शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों तथा आम लोगों में मातृभाषा को मजबूत करने और इसके उपयोग को बढ़ाने के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी क्रम में सिवानी खेड़ा स्थित आरोही मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में भी मेरी भाषा मेरा गर्व थीम से निबंध लेखन तथा मातृभाषा की महत्ता विषय भाषण प्रतियोगिता करवाई गई।इससे पहले प्रार्थना सभा के दौरान विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा स्कूल प्रींसिपल डॉ.संजय कुमार मिश्रा ने कहा कि मातृभाषा का मानव जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होता है तथा बच्चे भी मातृभाषा में तेजी से सीखते हैं।दुनिया की कोई भी दुसरी भाषा इसका स्थान नहीं ले सकती इसलिए हम शुरू में अपने बच्चों को मातृभाषा में ही पढ़ायें।वैसे भी हमारे जीवन को मां और मातृभाषा मिलकर ही मजबूती देते हैं।इसे अगली पीढ़ियों तक हस्तांतरित करना और मजबूत बनाना हम सबका दायित्व है।दुनिया में कई भाषाएं लुप्त हो चुकी हैं हमारे देश में भी कई क्षेत्रीय भाषाएं खतरनाक स्थिति में हैं।जब किसी भाषा को बोलने वालों की तादाद अपने ही समुदाय में कम हो जाती है या सिर्फ मुह जबानी बोले जाने तक सीमित हो जाती है।इसके साथ ही पढ़ाई-लिखाई में अगर उसका उपयोग कम होने लगता है तो वह मातृभाषा खत्म हो जाती है।संस्कृत किसी जमाने में आम बोल-चाल की भाषा होती थी आज हालात यह है कि संस्कृत मात्र पाठ्यक्रम की भाषा बनकर रह गई है।इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमें अपनी मातृभाषा का उपयोग बोलने के साथ-साथ पढ़ने और लिखने में भी करना चाहिए। हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सरकार ने मातृभाषा आधारित शिक्षा पर विशेष बल दिया है जो एक सराहनीय कदम है।इस अवसर हिंदी अध्यापिका माया व संतोष की देखरेख में नारा लेखन,निबंध लेखन व भाषण प्रतियोगिता करवाई गई जिनमें पारूल,पृथ्वी,प्रियंका, मुस्कान,दिव्याऔर भावेश का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा।