लड्डू का नाम लेते ही मुंँह में पानी भर आता है और मन खाने को लालायित हो उठता है

लड्डू को देखते ही कई लोगों की राऴ टपकने लगती है
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2025-03-25 21:47:25

लड्डू को देखते ही कई लोगों की राऴ टपकने लगती है । प्रायः सभी को लड्डू बहुत पसंद हैं । मिठाइयों में सर्वाधिक लोकप्रिय लड्डू ही है ।सर्व प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश जी को लड्डू ही चढ़ाएं जाते हैं । बुजुर्गों का कहना है कि गणेश जी और हनुमान जी को मोदक बहुत पसंद हैं । वैसे तो लड्डू कई प्रकार के होते हैं जैसे - गोंद के लड्डू , तिल के लड्डू, मूंग के लड्डू , अलसी के लड्डू , कांगनी के लड्डू , खरेंटी के लड्डू, गोखरू के लड्डू, सोंठ के लड्डू, अजवाइन के लड्डू , मेथी के लड्डू , नारियल के लड्डू , मखाने के लड्डू , खजूर के लड्डू , पंजीरी के लड्डू आदि- आदि । गोंद के लड्डू सर्दियों में स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं । ये एनर्जी से भरपूर होते हैं । तिल के लड्डू आयरन , कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन के मुख्य स्रोत बताए गए हैं । मूंग के लड्डू अक्सर बच्चे बहुत चाव से खाते हैं । अलसी के लड्डू ओमेगा 3 और फाइबर से भरपूर बताए गए हैं ।अजवाइन और सोंठ के लड्डू जच्चाएँ जापे के दिनों में खाती है । मेथी के लड्डू बदन दर्द और जोड़ों के दर्द के लिए कारगर हैं । पंजीरी के लड्डू प्रायः हर छोटे-बड़े पर्व पर बनाए जाते हैं । लेकिन बेसन से बनने वाले लड्डू चाहे बूंदी के हों , चाहे मोती चूर के या बेसन के बने हुए हों, सभी लोग बड़े चाव से खाते हैं । बेसन से बने लड्डुओं को ही मोदक कहा जाता है । बेसन के लड्डुओं के साथ-साथ अन्य प्रकार के लड्डुओं को देशी घी में बनाया जाता है । ये सभी प्रकार के लड्डू स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं । कुछ लड्डूओं में वनस्पति तेलों का भी इस्तेमाल होता है । कुछ लड्डू बिना घी- तेल के भी बनाए जाते हैं । घर में कोई भी सामाजिक उत्सव या कार्यक्रम हो तो लड्डू अवश्य बांटे और खाए जाते हैं । धार्मिक उत्सव में भी लड्डुओं का प्रसाद वितरित किया जाता रहा है । राजनीतिक गतिविधियों में भी लड्डू शामिल रहा है । शादी के लड्डू का भी जिक्र आता है कि जो खाए वो पछताए,ना खाए वो पछताए । बूर के लड्डू की भी चर्चा होती है जिसे चालाक चतुर बदमाश लोग अपने काम निकलवाने के लिए बनाते हैं । लड्डू के प्रति दीवानगी इस कद्र पाई जाती है कि अस्वस्थ और शूगर के रोगी भी लड्डू खाते देखे गए हैं । सचमुच लड्डू मिठाइयों का राजा है । इसके बिना कोई भी पर्व और उत्सव सफल नहीं माना जाता । लेकिन यूं तो फिर लड्डू को सरनाम होना चाहिए लेकिन हमने बदनाम लड्डू भी देखा है । नहरिया चौराहा लखनऊ के एक कोने में स्थित बदनाम लड्डू का शोरूम हर किसी को अपनी ओर आकर्षित ही नहीं करता बल्कि चौंका भी देता है । शोरूम के ऊपर दोनों और मोटे-मोटे लाल रंग में लिखा गया बदनाम लड्डू । व्यस्त सड़क जो कानपुर की ओर जाती है जिसके बीचो -बीच मेट्रो रेल से भी बदनाम लड्डू का यह शोरूम स्पष्ट दिखाई देता है । जिस लड्डू को सरनाम होना चाहिए वही लड्डू यहां आकर बदनाम हो गया है । हालांकि यह लड्डू महंगा और स्वादिष्ट है शायद इसीलिए बदनाम है !

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