हिंदू नव वर्ष हमारे भारतीय संस्कृति की विरासत को मजबूत बनाती है देवेंद्र सिंह नरवरिया

हिंदू नव वर्ष बनाने की शुरुआत ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी
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2025-03-29 16:56:16

भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष श्री देवेंद्र सिंह नरवरिया ने हिंदू नव वर्ष एवं नवदुर्गा महोत्सव की समस्त पार्टी कार्यकर्ताओं एवं प्रबुद्ध जनों प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं क्षेत्रीय जनता को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की माता रानी से कामना की कि यह हिंदू नव वर्ष हम सबके मन में भाईचारा एवं शांति या सद्भावना एवं हमारे सनातन धर्म एवं हिंदुत्व को मजबूती प्रदान करें।भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष देवेंद्र सिंह नरवरिया ने हिंदू नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए हिंदू नव वर्ष हमारे भारतीय संस्कृति की मुख्य पहचान है हम अपने संस्कृति को बनाए रखने के लिए नवरात्रि में ही हिंदू नव वर्ष को बनाते हैं जो हमारे समाज को आगे बढ़ने का काम करता है। पार्टी जिला अध्यक्ष नरवरिया ने कहा कि1 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन भारतीय संस्कृति के अनुसार हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा से होती है। हालांकि यह तिथि हर साल बदलती है और हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल हिंदू नववर्ष 30 मार्च 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसी दिन से चैत्र नवरात्रि की भी शुरुआत होती है। बता दें कि हिंदू नववर्ष को हिंदू नव संवत्सर या नया संवत के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर हिंदू नववर्ष क्यों मनाया जाता है और कब से इसकी शुरुआत हुई? अगर नहीं, तो आइए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।विक्रम संवत क्या है? हिंदू नववर्ष विक्रम संवत के आधार पर मनाया जाता है और इसकी शुरुआत राजा चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने की थी। यह संवत अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे चलता है। इसे गणितीय दृष्टि से सबसे सटीक काल गणना माना जाता है और ज्योतिषी भी इसे ही मानते हैं। इस संवत में कुल 354 दिन होते हैं, और हर तीन साल में एक अतिरिक्त माह (अधिक मास) जोड़ा जाता है, ताकि समय का संतुलन बना रहे। बता दें कि इसे भारत के अलग-अलग राज्यों में गुड़ी पाड़वा, उगादि जैसे नामों से जाना जाता है।हिंदू नववर्ष हिंदुओं के लिए क्यों है महत्वपूर्ण?पौराणिक मान्यताओं के अनुसार,चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। यही कारण है कि इस दिन को नवसंवत्सर के रूप में मनाया जाता है। इस दिन से ही चैत्र नवरात्रि शुरू होती है, जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। वहीं, राम नवमी भी इसी महीने में आती है,जो भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। पार्टी जिला अध्यक्ष नरवरिया ने कहा कि चैत्र नवरात्र से ही क्यों होती है हिंदू नववर्ष की शुरुआत? हिंदू पंचांग में नया साल चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा से, शुरुआत होती है। पार्टी जिला अध्यक्ष नरवरिया ने कहा कि कब से शुरू हो रहा है हिंदू नववर्ष, क्या है विक्रम संवत? किसने की थी शुरुआतअब जल्द ही कुछ ही दिनों में हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होने जा रही है। धार्मिक मान्यता के अनुसार हिंदू नववर्ष की शुरुआत के साथ ही ब्रह्म जी ने सृष्टि की रचना करने की शुरुआत की थी। विक्रम संवत एक प्राचीन हिंदू पंचांग है। विक्रम संवत के अनुसार सनातन धर्म के पर्व व्रत की डेट तय होती हैं। उन्होंने कहा कि चैत्र माह में हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है।इस माह में नवरात्र का पर्व मनाया जाता है।विक्रम संवत एक प्राचीन हिंदू पंचांग है।धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है और साल का समापन चैत्र माह की अमावस्या तिथि पर होता है। हिंदू नववर्ष के साथ चैत्र नवरात्र शुरू होते हैं। इस दौरान अलग-अलग दिन मां दुर्गा के 09 रूपों की पूजा होती है। साथ ही देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए विधिपूर्वक व्रत भी किया जाता है।धार्मिक मान्यता के अनुसार, इससे साधक को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। वहीं, हिंदुओं के लिए विक्रम संवत एक प्राचीन पंचांग है। लेकिन क्या आप जानते हैं इसकी शुरुआत किसने की थी। उन्होंने कहा कि हम सभी हिंदू नव वर्षों पर अपने सनातन धर्म और विरासत को मजबूत बनाने का संकल्प लेंगे।

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