2023-09-29 20:31:32
यूपी, मुजफ्फरनगर, बुढाना (नसीम कुरैशी/कहकशां फारुखी)। बुढाना कस्बे की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में पैग़म्बर मुहम्मद की सीरत पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें शिया व सुन्नी दोनों समुदाय के लोग और उलेमाओं ने शामिल होकर एक पटल पर आकर एकता का पैगाम दिया। मिली जानकारी के अनुसार बीते गुरुवार की देर रात पैग़म्बर मुहम्मद की सीरत पर कस्बे के मौहल्ला काज़ीवाड़ा के नोजवानों ने एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसके तहत पहली बार शिया व सुन्नी समाज के जिम्मेदार लोग एक साथ किसी दीनी मजलिस में दिखाई दिए और एकता व भाईचारे पर मसलकी मतभेद भुलाकर एक प्लेटफॉर्म पर आने की आवश्यकता को समझते हुए इस तरह की शानदार पहल की गई।
जिसमें दोनों समुदाय के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम की शुरुआत क़ुरआन ए पाक की तिलावत से हुई। कार्यक्रम का संचालन करते हुए ख़्वाजा तारिक़ उस्मानी ने आयोजकों के मकसद को बताते हुए कहा कि हम लोगो का मक़सद पूरी उम्मत ए मुहम्मदी को फ़िरकों के वैचारिकी मतभेद से ऊपर उठकर समय की आवश्यकता के अनुसार एक जगह लाना है। कर्यक्रम में तिलावत के बाद ख़ुदा की शान में हम्द पढ़ी गई। उसके पश्चात दोनों समुदाय के शायरों ने पैग़म्बर मुहम्मद की शान में कलाम पढा।
जिनमें शायर गुलज़ार बुढानवी, जाफर बुढानवी, शाद बुढानवी और अज़ीज़ मेहंदी इत्यादि शायर शामिल रहे। नात ए पाक के बाद शिया जामा मस्जिद के इमाम मौलाना वफ़ादार अब्बास ने मुहम्मद पैग़म्बर की शिक्षाओं पर विचार व्यक्त करते हुए पैग़म्बर द्वारा बताई गई बातों पर अमल करने पर ज़ोर दिया और कहा कि हम सबको मानवता, प्रेम और सब्र करते हुए नबी की शिक्षाओं पर अमल करने की आवश्यकता है।
अंत मे मौलाना आलिम ने नबी की शिक्षाओं को अपने जीवन मे उतारने की बात बताई और इसको आज के समय की बड़ी जरूरत बताया। विचार व्यक्त करने के बाद मौलाना अलीम ने दुआ कराई। इस अवसर पर सैकड़ो की संख्या में दोनों समुदाय के लोग मौजूद रहे। आयोजकों में कलीम उस्मानी, शाह आलम उस्मानी, समय सिद्दीकी, आसिफ राही, बिलाल सिद्दीक़ी, अबुज़र, रमीज़ गुलफ़ाम व रमीज़ माविया आदि ने मुख्य भूमिका निभाई। दोनों समुदाय के लोगों में तौसीफ़ राही, फसीह अख़्तर, शाहनवाज़ गौरी, ज़फर गौरी, शिया बैंक के मैनेजर रज़ा अब्बास, सिकंदर अब्बास, शाहनवाज़ अब्बास, मुख़्तार जाफ़री, आसिफ़ क़ुरैशी और वाहिद मंसूरी इत्यादि मौजूद रहे।