अनुच्छेद 370 पर केंद्र ने एससी से कहा जम्मू कश्मीर मे जल्द होंगे चुनाव, आयोग लेगा फैसला

केंद्र ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव किसी भी समय हो सकते हैं
News

2023-09-02 13:19:29

नई दिल्ली:- केंद्र ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव किसी भी समय हो सकते हैं और इस मुद्दे पर निर्णय निर्वाचन आयोग को लेना है. सरकार ने यह बात केंद्रशासित प्रदेश में चुनावी लोकतंत्र और पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली पर एक प्रारूप प्रस्तुत करते हुए कही. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव पर निर्णय भारत निर्वाचन आयोग और राज्य चुनाव आयोग को लेना है.

मेहता ने पीठ को बताया कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव तीन स्तरों पर होंगे- पहला पंचायत चुनाव, दूसरा नगर निकाय चुनाव और फिर विधानसभा स्तर पर चुनाव होगा. केंद्र ने 29 अगस्त को शीर्ष अदालत से कहा था कि जम्मू-कश्मीर की केंद्रशासित प्रदेश की स्थिति स्थायी नहीं है और वह 31 अगस्त को अदालत में इस जटिल राजनीतिक मुद्दे पर एक विस्तृत बयान देगा. अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सरकार से पूर्ववर्ती राज्य में चुनावी लोकतंत्र की बहाली के लिए एक विशिष्ट समयसीमा निर्धारित करने को कहा था. मेहता ने कहा कि मतदाता सूची को अपडेट करने का काम चल रहा है और काफी काम पूरा हो चुका है. मेहता ने कहा कि जिला विकास परिषद के चुनाव पहले ही हो चुके हैं और अब जल्द ही पंचायत चुनाव होंगे.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लेह हिल डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव खत्म हो गए हैं और कारगिल के चुनाव सितंबर में होंगे.सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इन चुनावों के बाद नगर पालिका चुनाव होंगे और तीसरा चुनाव विधान सभा के लिए होगा. हालांकि, केंद्र ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को एक राज्य में वापस लाने के कदम पहले ही धीरे-धीरे लागू किए जा चुके हैं, लेकिन वह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई सटीक समय सीमा नहीं दे सकता है. तुषार मेहता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में 45% की कमी आई है, घुसपैठ में 90.2% की कमी आई है,

सुरक्षाकर्मियों के हताहत होने में 65.9% की कमी आई है और पथराव में 97% की कमी आई है, मेहता ने कहा, चुनाव कराने के लिए ये महत्वपूर्ण मानदंड हैं. मेहता ने कहा कि 2018 में 1767 में पथराव हुआ था और अब यह शून्य है, और यह केवल प्रभावी पुलिसिंग और सुरक्षा कर्मियों के कारण नहीं है बल्कि युवाओं के लाभकारी रोजगार आदि जैसे विभिन्न कदमों के कारण है, उन्होंने कहा कि युवाओं को अलगाववादी ताकतों द्वारा गुमराह किया गया था |

Readers Comments

Post Your Comment here.
Characters allowed :
Follow Us


Monday - Saturday: 10:00 - 17:00    |    
info@anupamsandesh.com
Copyright© Anupam Sandesh
Powered by DiGital Companion