2023-09-26 15:41:34
साहिबाबाद/प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते शनिवार को साहिबाबाद के कंपोजिट विद्यालय नगर निगम गाजियाबाद की कमरे की छत गिरी बड़ा हादसा होते-होते बचा साहिबाबाद गांव के कंपोजिट विद्यालय नगर निगम की शनिवार दोपहर बाद कमरे की छत गिर गई गनीमत यह रही की स्कूल की छुट्टी हो गई थी और कमरा बंद था नहीं तो बहुत बड़ा हादसा हो गया होता क्योंकि छत गेट के सामने ही गिरी वहीँ पर अध्यापक पढ़ाते हैं और बच्चे बैठते हैं अगर उस समय स्कूल खुला होता तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता था अगर भगवान का शुक्र रहा की बहुत बड़ा हादसा होते होते बच गया, इस घटना से साहिबाबाद गांव के छेत्रिय लोगोँ में आक्रोश है और सदमा भी है,लोगों का कहना है कि अगर आज स्कूल खुला होता तो क्या होता।
गौरतलब है कि गांव की जनकल्याण सेवा समिति ने आशंका व्यक्त की है कि यदि स्कूल की छतों की देखभाल नहीं हुई तो और भी बड़ा हादसा हो सकता है जन कल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष ब्रह्म सिंह प्रधान ने कहा है यह सब शासन और प्रशासन के लापरवाही का नतीजा है स्कूल प्रशासन एवं विद्यालय प्रबंधन तंत्र की लापरवाही का नतीजा है अधिकारी नहीं देख पाते हैं जिसका परिणाम सबके सामने है महासचिव चरत कुमार का कहना है कि यह सब प्रशासन की मिली भगत का परिणाम है क्योंकि जिस समय कार्य होता है तो अपने चहेतों को ठेके दिए दे जाते हैं और उचित जाँच करने वाला कोई नहीं होता,जिसका परिणाम ठेकेदार अपनी मनमानी करता है और नुकसान स्कूल के बच्चों अभिभावकों को झेलना पड़ता है तालेवार शर्मा का कहना है कि यह सब जिला विद्यालय प्रबंधन कमेटी की अनदेखी का परिणाम है क्योंकि जिसकी शिकायत भी पहले जन कल्याण सेवा समिति के द्वारा जर्जर इमारत को लेकर की जा चुकी है मगर कोई भी अधिकारी ध्यान नहीं देता और बिल्डिंग भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई
अगर अभी भी ध्यान नहीं दिया गया तो दोनों स्कूलों की बिल्डिंग कभी भी धराशाही सकती है और बड़ा हादसा हो सकता है जिसके लिए सिर्फ और सिर्फ जिला प्रशासन जिला विद्यालय प्रबंधन तंत्र जिम्मेदार हो जन कल्याण सेवा समिति के सक्रिय सदस्य वरिष्ठ नागरिक ठाकुर महेंद्र सिंह का कहना है। शासन प्रशासन इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।
काबिलेगौर यह है सब शासन प्रशासन ठेकेदार स्कूल के प्रधानाचार्य राजनेताओं की मिली भगत से यह घोटाले होते हैं और घटिया सामग्री का इस्तेमाल होता है जिस समय कार्य होता है देखने कोई नहीं आता और वहीं बैठे-बैठे फाइल पर बिल पास कर दिया जाता है जिसका परिणाम हादसे के रूप में मासूम बच्चों को अध्यापकों को तथा उनके परिजनों को भुगतना पड़ता है
आज के हादसे में भगवान की बहुत बड़ी मेहर रही कि स्कूल की छुट्टी होने के बाद ये हादसा हुआ दोपहर बाद लगभग तीन बजे के करीब यह बिल्डिंग गिरी छत एकदम भड़बड़ा करके गिर गई मगर विद्यालय में बंद होने के कारण कोई नहीं था जिससे बहुत बड़ा हादसा टल गया इसी प्रकार बहुत लोगों से बात की गई सभी लोगों ने जिला प्रशासन ठेकेदार जिला विद्यालय प्रबंधन तंत्र तथा स्कूल के प्रधानाचार्य अध्यापकों को भी जिम्मेदार बताया क्योंकि सबकी मिली भगत से ही घोटाले होते हैं घटिया सामग्री का इस्तेमाल होता है और इसका खामियाजा गांव वालों को भुगतना पड़ता है अगर अभी भी स्कूल की तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो प्राइमरी और जूनियर हाई स्कूल दोनों की बिल्डिंग कभी भी गिर सकती हैं क्योंकि सभी छतों पर पानी भरा रहता है जिसकी वजह से पूरी बिल्डिंग ही कमजोर हो रही है और कभी भी हादसा हो सकता है