2025-04-05 21:15:23
अनुपम सन्देश/ संवाददाता मुरादाबाद। शनिवार को मुरादाबाद के मंडलायुक्त आञ्जनेय कुमार सिंह ने गर्मी के मौसम में चलने वाली गर्म हवा लू से बचने के संबंध में निम्न सावधानियां के बारे में अवगत कराया। उन्होंने लू प्रकोप एवं गर्म हवा के बारे बताया कि कढ़ी धूप में बाहर न निकले, खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक के बीच में घर से बाहर अत्यंत आवश्यक हो तभी निकले,और ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं हल्के रंग के ढीले-ढाले सूती कपड़े पहनें, धूप से बचने के लिए गमछा, टोपी, छाता, धूप का चश्मा, जूते और चप्पल का इस्तेमाल करें। यात्रा करते समय अपने पास पानी अवश्य रखें। अगर बाहर का काम है तो टोपी, गमछा या छाते का इस्तेमाल जरुर करें और गीले कपड़े को अपने चेहरे, सिर और गर्दन पर रखें। अगर तबियत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरन्त डाक्टर से सम्पर्क करें, घर में बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक, चीनी का घोल, नींबू पानी, छांछ, आम का पन्ना इत्यादि का सेवन करें। जानवरों को छांव में रखें और उन्हें खूब पानी पीने को दें। अपने घर को ठंडा रखें, शटर आदि का इस्तेमाल न करें, रात में खिड़कियों खुली रखें, शराब, चाय काफी जैसे पेय पदार्थो का इस्तेमाल न करें। मण्डलायुक्त ने लू प्रकोप एवं गर्म हवा ने संबंध में क्या करें क्या न करें बारे में बताया कि धूप में खड़े वाहनों में बच्चे एवं पालतू जानवरों को न छोड़े, खाना बनाते समय कमरे के दरवाजे के खिड़की एवं दरवाजे खुले रखें जिससे हवा का आना जाना बना रहें। नशीले पदार्थ, शराब तथा अल्कोहल के सेवन से बचें, उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें, बासी भोजन न करें। खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढक कर रखें, ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके। जिन खिड़कियों व दरवाजों पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं आती है, काले पर्दे लगाकर रखना चाहिए। स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें। आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें, बच्चों व पालतू जानवरों को कभी भी बंद वाहन में अकेला न छोड़े, जहां तक संभव हो घर में ही रहें तथा सूर्य के संपर्क से बचें, सूर्य के ताप से बचने के लिए जहां तक संभव हो घर की निचली मंजिल पर रहें, संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें तथा घर से बाहर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढक कर रखें। मण्डलायुक्त ने बताया कि अधिक गर्मी एवं लू के कारण होने वाली बीमारियां दो प्रकार की होती है जैसे हीट इग्जाॅस्चन एवं हीट स्ट्रोक। उन्होंने बताया कि अत्यधिक प्यास, शरीर का तापमान बढ़ा होना, मासपेशियों में ऐठन, जी मिचलाना, उल्टी होना, सिर का भारीपन/सिरदर्द, रक्त चाप का कम होना, चक्कर आना, भ्रांति/उलझन में होना, अल्पमूत्र/पेशाब का कम आना, अधिक पसीना एवं चिपचिपा त्वचा होना हीट इग्जाॅस्चन के लक्षण है, इससे बचने हेतु प्राथमिक उपचार जैसे व्यक्ति को तुरन्त पंखे के नीचे तथा छायादार ठंडे स्थान पर ले जाए, कपड़ो को ढीला करें, शरीर को गीले कपड़े से स्पंज करें, ओ0आर0एस0 का घोल पिलाए, नींबू का पानी नमक के साथ पिलाए, मांसपेशियों पर दबाव डालें तथा हल्की मालिश करें, शरीर के तापमान को बार बार जांचे, यदि कुछ समय में सामान्य न हो तो तुरन्त चिकित्सा केन्द्र ले जाए ।इसके साथ ही उन्होंने हीट स्ट्रोक के लक्षण के बारे में बताया कि शरीर तापमान बढ़ा हुआ होना, पसीना आना बंद होना, मांसपेशियों में ऐंठन, चिपचिपी त्वचा, त्वचा एवं शरीर का लाला होना, जी मिचलाना/उल्टी होना/चक्कर आना, सिर का भारीपन/ सिर दर्द, सांस की समस्या श्वसन प्रक्रिया तथा धड़कन तेज होना हीट स्ट्रोक के लक्षण है। इसके उपचार के लिए मरीज को तुरन्त नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र में जाए और कपड़ो को ढीला करें, तुरंत पंखे के नीचे तथा छायादार ठंडे स्थान पर ले जाये , शरीर को गीले कपड़े से स्पंज करें, अगर मरीज कुछ पीने की अवस्था मेें हो तो पानी या शीतल पेय पिलायें, ओ0आर0एस0 का घोल पिलायें ,नींबू का पानी नमक के साथ पिलाये तथा मासपेशियों पर दबाव डाले तथा हल्की मालिश करें।