2025-04-03 19:40:12
रतिया । शहर के शीतला माता मंदिर में चल रहे चैत्र नवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम के छठे दिन श्रद्धालुओं द्वारा मां कात्यायनी की पूजा अर्चना की गई और अपनी मन्नत पूरी करने के लिए माता रानी से प्रार्थना की गई। इस दौरान मंदिर पुजारी सतीश शर्मा ने कथा सुनाते हुए कहा कि ऋषि कात्यायन देवी मां के परम उपासक थे। एक दिन मां दुर्गा ने इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर इनके घर पुत्री के रुप में जन्म लेने का वरदान दिया। ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण ही देवी मां को मां कात्यायनी कहा जाता है। मान्यता है कि मां कात्यायनी की उपासना से इंसान अपनी इंद्रियों को वश में कर सकता है। मां कात्यायनी ने ही महिषासुर का वध किया था। इसलिए ही मां कात्यायनी को महिषासुर मर्दनी भी कहा जाता है। इसके अलावा माता रानी को दानव और असुरों का विनाश करने वाली देवी कहते हैं। उन्होंने कहा कि पौराणिक कथाओं के अनुसार मां कात्यायनी की पूजा भगवान राम और श्रीकृष्ण ने भी की थी। कहते हैं कि गोपियों ने भगवान श्री कृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा की थी। मां दुर्गा ने सृष्टि में धर्म को बनाए रखने के लिए यह अवतार लिया था। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने दुर्गा स्तुति का पाठ किया। इस मौके पर शीतला माता मंदिर सेवा ट्रस्ट के पदाधिकारियों सहित काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।