डीएम ने जिले में कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए की बैठक

जिले में आलू के क्लस्टर तैयार कराए जाने के दिए निर्देश
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2025-03-10 21:21:11

अलीगढ़ 10 मार्च 2025 (सू0वि0): जिलाधिकारी संजीव रंजन की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति 2019 के अन्तर्गत जिलास्तरीय क्लस्टर सुविधा इकाई की बैठक का आयोजन किया गया। डीएम ने कहा कि जिले में कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कृषि उत्पादों एवं प्रसंस्कृत वस्तुओं के निर्यात में नियमों में संशोधन कर वायु, रेल, सड़क व जल मार्ग से होने वाले परिवहन पर भाड़े का 25 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। जिलाधिकारी ने उप निदेशक कृषि एवं जिला उद्यान अधिकारी को 15 दिन में कम से कम 50 हैक्टेयर क्षेत्रफल में आलू के क्लस्टर बनाए जाने के निर्देश दिए ताकि आलू उत्पादक किसानों को निर्यात प्रोत्साहन नीति का समुचित लाभ मिल सके। जिलाधिकारी ने एफपीओ निर्यात एवं बाजार तत्परता सूचकांक पर 80 के सापेक्ष मात्र 01 एफपीओ द्वारा ब्यौरा अपलोड करने पर नाराजगी प्रकट करते हुए शेष सभी एफपीओ को दस्तावेज अपलोड कराने के निर्देश दिए। ज्येष्ठ कृषि विपणन निरीक्षक एवं सदस्य सचिव जनपदीय निर्यात समिति भगवती प्रसाद ने कृषि निर्यात नीति एवं भौगोलिक उपदर्शन (जीआई) के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि अलीगढ के लिए गेहूं बाजरा मक्का धान सरसों आलू एवं हरी सब्जीयों और आम व अमरूद पशु एवं डेयरी उत्पाद निर्यात के लिए चिन्हित उत्पाद हैं। जिले के कृषकों, एफपीओ, एफपीसी द्वारा कम से कम पचास हैक्टेयर भूमि (एक विकास खण्ड में) के क्लस्टर बनवा कर उत्पादित कृषि उत्पादों का निर्यात किया जा सकता है जिसके लिये सरकार द्वारा विभिन्न प्रोत्साहन व अनुदान देय है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 में जिले से बफेलो मीट, इंस्टेन्ट चिकोरी पाउडर, रोस्टेड चिकोरी पाउडर, आलू, प्रसंस्कृत आलू पाउडर का लगभग 85164 मीट्रिक टन निर्यात इजराइल, ब्राजील, इन्डोनेशिया, मलेशिया, ईरान, ईराक, सउदी अरब, दुबई, जार्डन, रूस, बहरीन समेत अन्य देशों को कर 2031 करोड रूपये विदेशी मुद्रा का अर्जन किया गया है। इसी प्रकार वर्ष 2024-25 में माह दिसम्बर 2024 तक 72719 मीट्रिक टन का निर्यात कर 1781 करोड रूपये विदेशी मुद्रा का अर्जन हुआ है। उन्होंने बताया कि जीआई अन्तर्राष्ट्रीय बाजारी में एक ट्रेड मार्क के रूप में मान्य है जिससे निर्यात को बढावा मिलता है साथ ही जी0आई0 टैग के द्वारा कृषि उत्पादों के अनाधिकृत प्रयोग पर अंकुश लगाया जाता है। इस प्रकार अधिकृत उपयोगकर्ताओं को कानूनी संरक्षण प्राप्त होता है। जिले में वासमती चावल जीआई पंजीकृत उत्पाद है, जिसके लिए 600 अधिकृत उपयोगकर्ता बनाये जा चुके है। जिलाधिकारी जिले में जीआई उत्पाद वासमती चावल के अधिक से अधिक अधिकृत उपयोगकर्ता बनाने के निर्देश दिये। अभिहित खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ0 दीनानाथ यादव द्वारा अवगत कराया गया कि जिले में शीघ्र ही विभाग की एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला स्थापित करायी जा रही हैं, जिसमें निर्यात के लिए खाद्य पदार्थों के नमूनों के विश्लेषण की सुविधा उपलब्ध होगी। बैठक में उप निदेशक कृषि यशराज सिंह, जिला कृषि अधिकारी धीरेन्द्र सिंह चौधरी, जिला उद्यान अधिकारी शिवानी तोमर, जिला गन्ना अधिकारी मनोज कुमार पाण्डे, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी दिवाकर त्रिपाठी के अतिरिक्त कुषि विपणन एवं कुषि विदेश व्यापार विभाग के मण्डलीय अधिकारी कमल कान्त त्यागी समेत विभिन्न एफपीओ, एफपीसी, निर्यातक उपस्थित रहे

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