संस्कारिक शिक्षा सफलता की बुलंदियों पर पहुंचा सकती है

कार्यक्रम प्रस्तुत कर अभिभावकों का मन मोह लिया
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2025-02-17 17:17:45

फरीदाबाद , 16 फरवरी : संस्कारिक शिक्षा युवाओं को सफलता की बुलंदियों पर पहुंचा सकती है। बिना संस्कार के पुस्तक ज्ञान अधूरा है। इसलिए हमें देश की युवा पीढी को शिक्षित के साथ-साथ संस्कारिक बनाना चाहिए ताकि वह देश की संस्कृति और परंपराओं को भलिभांत जान सके। यह बात एडवोकेट तरूण अरोडा ने तिगांव विधानसभा के गांव भतौला स्थित दा शिवानक्ष पब्लिक स्कूल के वार्षिकोत्सव पर प्रतिभावान बच्चों को पुरस्कार वितरित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि यही बच्चे देश की बागडोर संभालेंगे। बुद्धिजीवी गुलाब सिंह ने अध्यापकों का आह्वान किया कि वे बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति से जोडक़र देशप्रेम के लिए प्रेरित करें। शिक्षाविद् राजेश मदान ने कहा कि आज के इस प्रतियोगी युग में प्रतियोगिता के साथ-साथ प्रतिभा की भी आवश्यकता है और अभिभावक उन्हें बच्चों की प्रतिभा के अनुसार ही प्रोत्साहित करें ताकि वह अपने भविष्य को अच्छी तरह से संवार सके। स्कूल के चेयरमैन महावीर सिंह, प्रबंधक उमेश चंद ने अतिथियों का स्वागत कर स्कूल की नीतियों से अवगत करवाया। स्कूल की प्रिंसीपल मीनाक्षी एवं प्रज्ञा मौर ने सफल मंच संचालन किया। इससे पूर्व स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर अभिभावकों का मन मोह लिया।

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