पूरे देश में 11 पैक्स में 11 गोदामों का निर्माण, कुल 9,750 मीट्रिक टन भंडारण क्षमता केंद्र सरकार

देश में विकेन्द्रीकृत खाद्यान्न भंडारण क्षमता का निर्माण करने के लिए केंद्र सरकार ने सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना को मंजूरी प्रदान की है
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2025-04-03 13:39:22

देश में विकेन्द्रीकृत खाद्यान्न भंडारण क्षमता का निर्माण करने के लिए केंद्र सरकार ने सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना को मंजूरी प्रदान की है, जिसे पायलट परियोजना के रूप में शुरू किया गया। योजना की पायलट परियोजना के अंतर्गत पूरे देश में 11 पैक्स में 11 गोदामों का निर्माण किया गया है तथा कुल 9,750 मीट्रिक टन भंडारण क्षमता प्राप्त की गई है। यह जानकारी केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। इसमें प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी (पीएसीएस) के स्तर पर विभिन्न कृषि अवसंरचनाओं का सृजन जैसे विकेन्द्रीकृत गोदाम, कस्टम हायरिंग सेंटर, प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, छंटाई एवं ग्रेडिंग सुविधाएं, शीत भंडारण इकाइयां, पैकहाउस आदि को भारत सरकार की विभिन्न मौजूदा योजनाओं के अभिसरण में किया गया है, जिसमें कृषि अवसंरचना कोष, कृषि विपणन अवसंरचना योजना, कृषि मशीनीकरण उप मिशन, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण योजना आदि शामिल हैं। यह योजना स्थानीय भंडारण को सक्षम बनाती है। साथ ही पीएसीएस स्तर पर अनाज के भंडारण को सक्षम बनाती है, जिससे लंबी दूरी के परिवहन की लागत और हानि न्यूनतम हो जाती है। इसके अलावा, पीएसीएस को कृषि विपणन एवं खरीद प्रणालियों के साथ एकीकृत करके, किसानों के लिए भंडारण सुविधाओं तक सीधे पहुंच सुनिश्चित की जाती है, जिससे बिचौलियों पर उनकी निर्भरता कम हो जाती है। इस योजना का उद्देश्य किसानों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्ति सुनिश्चित करना, परिवहन लागत कम करना और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उत्पन्न करना है। सहकारिता मंत्रालय के अनुसार, सरकार ने 15 फरवरी 2023 को देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने तथा जमीनी स्तर तक इसकी पहुंच को बढ़ावा देने के लिए योजना को मंजूरी प्रदान की। इस योजना का उद्देश्य 5 वर्षों में देश की सभी पंचायतों/गांवों को कवर करते हुए दो लाख नए बहुउद्देशीय पैक्स (एम-पैक्स), डेयरी, मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना भारत सरकार की विभिन्न मौजूदा योजनाओं के अभिसरण से डेयरी अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ), राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी), पीएम मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) आदि की स्थापना करना शामिल है, जिसे राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी), राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) और राज्य सरकारों से सहयोग प्राप्त होगा। वहीं, राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस के अनुसार, योजना की स्वीकृति के बाद से 27 जनवरी 2025 तक पूरे देश में कुल 3,667 नई पैक्स (प्राथमिक कृषि ऋण समिति) पंजीकृत हुई हैं, जिनमें महाराष्ट्र में 148 नई पैक्स शामिल हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार ने कार्यात्मक पैक्स का कम्प्यूटरीकरण करने के लिए 2,516 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ एक परियोजना को मंजूरी प्रदान की है, जिसमें सभी कार्यात्मक पैक्स को ईआरपी (उद्यम संसाधन योजना) आधारित सामान्य राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर पर लाना, उन्हें राज्य सहकारी बैंकों (एसटीसीबी) और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) के माध्यम से नाबार्ड से जोड़ना शामिल है।

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