छत्तीसगढ़ शराब घोटाला डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहाकोई भूमिका नहीं तो डरने की नहीं कोई बात

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी
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2025-03-10 13:12:28

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के बाद छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने पूछा कि कोई कैसे इनकार कर सकता है कि भूपेश बघेल के कार्यकाल के दौरान बड़े घोटाले हुए थे और छापे अचानक कार्रवाई नहीं थी। ईडी ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के भिलाई के पदुम नगर इलाके में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के आवास पर छापेमारी की। केंद्रीय जांच एजेंसी ने राज्य भर में करीब 14 स्थानों पर छापेमारी की, इनमें से कुछ चैतन्य बघेल से जुड़े हैं। यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े कथित शराब घोटाले के सिलसिले में की गई। डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा, ‘इस बात से कैसे इनकार किया जा सकता है कि भूपेश बघेल के कार्यकाल में बड़े घोटाले हुए हैं? ईडी की कार्रवाई लंबे समय से चल रही है। उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है कि आज अचानक कोई कार्रवाई की गई है। ईडी लंबे समय से जांच कर रही है। जांच के दौरान उन्हें कुछ तथ्य और संदेह मिले होंगे और उसी के आधार पर ईडी ने यह कार्रवाई की है और अगर आपकी कोई भूमिका नहीं है तो डरने या घबराने की कोई बात नहीं होनी चाहिए। ईडी ने भिलाई में चैतन्य बघेल के ठिकानों के साथ-साथ राज्य में कई अन्य व्यक्तियों से जुड़े ठिकानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत छापेमारी की गई। ईडी ने आरोप लगाया है कि चैतन्य बघेल भी शराब घोटाले से अर्जित की गई आय के प्राप्तकर्ता हैं, जिसमें अपराध की कुल आय लगभग 2,167 करोड़ रुपए है, जिसे विभिन्न योजनाओं के माध्यम से निकाला गया। केंद्रीय एजेंसी ने भूपेश बघेल के घर सुबह-सुबह छापेमारी की, टीमें चार इनोवा कारों में सवार होकर चैतन्य के भिलाई स्थित आवास पर पहुंचीं। दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। ईडी ने आरोप लगाया है कि सरकारी अधिकारियों, राजनेताओं और शराब कारोबारियों के एक समूह ने एक योजना चलाई, जिसके तहत 2019 से 2022 के बीच राज्य में शराब की बिक्री से अवैध रूप से लगभग 2,161 करोड़ रुपए एकत्र किए गए। कथित घोटाले में शराब की सप्लाई चेन में हेरफेर शामिल था, जहां एक ग्रुप ने सरकारी दुकानों के माध्यम से शराब की बिक्री और वितरण को नियंत्रित किया था। कथित तौर पर बेची गई शराब का एक हिस्सा सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया था तथा कानूनी प्रणाली के बाहर इसकी बिक्री की अनुमति देने के लिए आपूर्तिकर्ताओं से कथित तौर पर रिश्वत वसूली गई थी। यह जांच आयकर विभाग की एक पूर्व रिपोर्ट पर आधारित है, जिसमें शराब व्यापार में अनियमितताओं की बात कही गई थी। वहीं, पूर्व सीएम के कार्यालय ने अपने एक्स हैंडल पर छापेमारी पर तुरंत प्रतिक्रिया दी है। पोस्ट में कहा कि सात वर्षों से चले आ रहे झूठे केस को जब अदालत में बर्खास्त कर दिया गया तो ईडी के मेहमानों ने पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज सुबह प्रवेश किया है। अगर इस षड्यंत्र से कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है

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