2025-03-08 12:46:44
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर वैशाली रमेशबाबू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक्स’ अकाउंट का संचालन किया। यह पीएम मोदी की उस पहल का हिस्सा था, जिसमें उन्होंने वादा किया था कि इस खास दिन पर उनका सोशल मीडिया उन महिलाओं द्वारा संभाला जाएगा, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले महिला दिवस पर एक पोस्ट में लिखा था, “हम अपनी नारी शक्ति को नमन करते हैं। हमारी सरकार ने हमेशा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम किया है, जो हमारी योजनाओं और कार्यक्रमों में झलकता है। आज, जैसा कि वादा किया था, मेरे सोशल मीडिया अकाउंट उन महिलाओं द्वारा संचालित किए जाएंगे, जिन्होंने अपने क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है।” इसी वादे के तहत शनिवार को ग्रैंडमास्टर वैशाली ने प्रधानमंत्री का ‘एक्स’ अकाउंट संभाला और अपनी प्रेरणादायक कहानी साझा की। वैशाली ने अपने पोस्ट की शुरुआत करते हुए लिखा, “वणक्कम! मैं वैशाली हूं और मुझे बेहद खुशी हो रही है कि महिला दिवस के अवसर पर मुझे प्रधानमंत्री मोदी जी का सोशल मीडिया अकाउंट संभालने का मौका मिला। मैं शतरंज खेलती हूं और मुझे गर्व है कि मैं अपने देश का अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में प्रतिनिधित्व कर रही हूं।” उन्होंने अपनी यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि उनका जन्म 21 जून को हुआ था, जो अब अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने सिर्फ 6 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू कर दिया था और यह सफर उनके लिए रोमांचक और सीखने वाला रहा है। वैशाली ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में सफलता हासिल की है, लेकिन उन्हें अभी भी आगे बढ़ना है और देश को और अधिक गौरवान्वित करना है। युवाओं, खासकर लड़कियों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा, “मैं सभी लड़कियों से कहना चाहती हूं कि अपने सपनों का पीछा करें, चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं। आपका जुनून ही आपकी सबसे बड़ी ताकत बनेगा। आप किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं, बस अपने लक्ष्य पर ध्यान बनाए रखें और रुकें नहीं।” उन्होंने आगे कहा कि उनकी एफआईडीई रैंकिंग को और बेहतर करना उनकी अगली महत्वाकांक्षा है और वे भारत को शतरंज की दुनिया में और भी ऊंचाई तक ले जाना चाहती हैं। उन्होंने युवाओं को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया और कहा, “खेल सबसे अच्छा शिक्षक है। यह अनुशासन, धैर्य और कठिन परिस्थितियों से निपटने की क्षमता सिखाता है।” वैशाली ने माता-पिता और परिवार के समर्थन की अहमियत भी बताई। उन्होंने कहा, “मैं माता-पिता और भाई-बहनों से कहना चाहती हूं कि अपनी बेटियों का समर्थन करें और उनकी क्षमताओं पर विश्वास रखें। वे चमत्कार कर सकती हैं। मेरे माता-पिता, रमेशबाबू और नागालक्ष्मी, मेरे लिए बहुत बड़ा प्रेरणास्त्रोत हैं। मेरे भाई और मेरे कोचों ने भी मेरे सफर में अहम भूमिका निभाई है।” उन्होंने भारत में महिला खिलाड़ियों को मिलने वाले बढ़ते समर्थन की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत में अब महिला एथलीटों को बहुत अच्छा सहयोग मिल रहा है, जिससे उन्हें अपने खेल में बेहतर प्रदर्शन करने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा खेलों में महिलाओं को बढ़ावा देने, प्रशिक्षण सुविधाएं देने और अनुभव प्रदान करने के लिए किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। शतरंज ग्रैंडमास्टर वैशाली की यह प्रेरणादायक कहानी निश्चित रूप से उन सभी लड़कियों के लिए एक बड़ा संदेश है, जो अपने सपनों को साकार करने की हिम्मत रखती हैं