2025-01-14 14:57:54
जन जीवन खुश हो रहा, हर्षित हुआ अनंग।संक्रांति, लोहड़ी मने, खुशियाँ छाई अंग।।मकर संक्रांति ये कहे, रहो सजग तैयार।हृद पराग परिपूर्ण हो, झूम उठे संसार।।बत-बड़ा यह पर्व है, जग जीवन आधार।आधि-व्याधि सब दूर हो, करे नवल संचार।।मकर संक्रांति पर्व ये, भरता नव उमंग।तिल-गुड़ खा पोषित हो, जीवन की पतंग।।दान पुण्य के दिवस पर, जाऐं तीरथ धाम।दीन दुखी को दान कर, बोलो जय श्री राम।।स्वस्थ गुणी संस्कार से, काया रहे निरोग।पर्व मकर संक्रांति पर, सुखद आज संयोग।।सौरभ! प्रभु जी से करें, एक यही अरदास। सूर्य देव अब कर कृपा, हो पूरी सब आस।।