2025-04-10 21:44:23
हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लापरवाही का मामला सामने आया है। सोनीपत जिले के खरखौदा स्थित एक मूल्यांकन केंद्र पर बोर्ड सचिव डॉ. मुनीश नागपाल के नेतृत्व में हुई छापेमारी में कई अनियमितताओं का खुलासा हुआ। इस कार्रवाई से मूल्यांकन प्रक्रिया की पारदर्शिता और गंभीरता पर सवाल खड़े हो गए हैं। बोर्ड सचिव की टीम ने जब खरखौदा के पीएम श्री राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में निरीक्षण किया, तो पाया गया कि कुल 34 परीक्षक ड्यूटी से गायब थे, जो कि वहां तैनात कुल स्टाफ का लगभग आधा हिस्सा है। इसके अलावा, कुछ अध्यापक केवल 3 घंटे में 30 उत्तर पुस्तिकाएं जांच कर केंद्र से चले गए, जबकि मूल्यांकन का समय सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक निर्धारित है। बोर्ड ने पहले ही परीक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि उत्तर पुस्तिकाओं की जांच गंभीरता से की जाए, ताकि बच्चों के भविष्य से कोई खिलवाड़ न हो। नियमों के अनुसार, प्रत्येक उप-परीक्षक को रोजाना 30 उत्तर पुस्तिकाएं जांचनी होती हैं, जिनमें से 10 प्रतिशत की दोबारा जांच मुख्य परीक्षक द्वारा की जानी होती है। हरियाणा बोर्ड ने राज्य के 22 जिलों में 78 मूल्यांकन केंद्र बनाए हैं। 10वीं की मूल्यांकन प्रक्रिया में लगभग 7030 अध्यापक और 12वीं की मूल्यांकन प्रक्रिया में करीब 4812 प्राध्यापक लगे हुए हैं। यह कार्य 3 अप्रैल से शुरू होकर 24 अप्रैल तक चलेगा, और बोर्ड परिणाम 45 दिनों के भीतर घोषित करेगा। बोर्ड सचिव ने कहा है कि इतनी बड़ी संख्या में परीक्षकों की गैरमौजूदगी एक गंभीर मामला है, जिससे मूल्यांकन की निष्पक्षता और समयबद्धता प्रभावित होती है। विभाग ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई करेगा ताकि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही दोबारा न हो।