2025-01-23 17:19:43
नारनौल। राष्ट्र-निर्माण की पहली सीढ़ी है बाल-निर्माण, क्योंकि बच्चे ही बड़े होकर आदर्श नागरिक बनते हैं। यह कहना है वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद् डॉ. रामनिवास मानव का। बाल-प्रहरी, अल्मोड़ा (उत्तराखंड) द्वारा आयोजित 1100वीं वर्चुअल अंतरराष्ट्रीय बाल-साहित्य संगोष्ठी में बतौर अध्यक्ष उन्होंने कहा कि बाल-निर्माण में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है बाल-साहित्य और बाल-साहित्य के विकास में विशिष्ट भूमिका निभाती हैं बाल-प्रहरी जैसी पत्रिकाएं। अंतरराष्ट्रीय हिंदी संगठन, नीदरलैंड की अध्यक्ष डॉ. ऋतु शर्मा, अहमदाबाद (गुजरात) के पूर्व आयकर आयुक्त श्यामपलट पांडेय और शिक्षा विभाग, अल्मोड़ा (उत्तराखंड) के उपनिदेशक आकाश सारस्वत ने, इस विशिष्ट उपलब्धि पर बाल-प्रहरी के संपादक उदय किरौला को बधाई देते हुए, बाल-निर्माण के प्रयास तथा बाल-साहित्य के विकास में उनके योगदान के महत्त्व को रेखांकित किया। इससे पूर्व बाल-प्रहरी पत्रिका के संपादक तथा संगोष्ठी के संयोजक उदय किरौला ने बताया कि 14 सितंबर, 2020 को बाल-साहित्य पर केंद्रित वर्चुअल संगोष्ठी की शुरुआत हुई थी तथा अब तक छत्तीस विधाओं और विषयों पर आयोजित 1100 संगोष्ठियों में देश के हजारों बच्चे और बाल-साहित्यकार अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं। उल्लेखनीय है कि अमेठी (उत्तर प्रदेश) के प्रथम कक्षा के छात्र आयुष श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत सरस्वती-वंदना के उपरांत श्यामपलट पांडेय के कुशल संचालन में डेढ़ घंटे तक चली तथा कवि-गोष्ठी के रूप में आयोजित इस ऐतिहासिक संगोष्ठी में भारत, नेपाल, कतर, नीदरलैंड, सूरीनाम और अमेरिका सहित छह देशों के सोलह कवियों ने सहभागिता की। इस अवसर पर आसन (नीदरलैंड) की डॉ. ऋतु शर्मा ने साल पूरा हो गया, लुटावन (सूरीनाम) की सुश्री सांद्रा ने सब-कुछ तुम्हारा, फिलाडेल्फिया (अमेरिका) की डॉ. मीरा सिंह ने देश के प्रहरी, दोहा (कतर) की शालिनी गर्ग ने मेरा प्यारा भारत, कंचनपुर (नेपाल) के रमेश पंत मीतबंधु ने मानस-खंड महिमा और कविराज भट्ट ने सिया-राम तथा भारत से हल्द्वानी (उत्तराखंड) के रमेशचंद्र पंत ने भारत देश, सिरमौर (हिमाचल प्रदेश) की शिवा धरावेश ने मेरा देश महान, पटियाला (पंजाब) की डॉ. पूनम गुप्त ने कितना सुंदर देश, नारनौल (हरियाणा) के डॉ. रामनिवास मानव ने धरती मां है, अजमेर (राजस्थान) के गोविंद भारद्वाज ने पावन गंगा, झांसी (उत्तर प्रदेश) के अरविंद श्रीवास्तव असीम ने अनेकता में एकता, दरभंगा (बिहार) के डॉ. सतीशचंद्र भगत ने भारत मां को खूब सजाओ, खंडवा (मध्यप्रदेश) के डॉ. अशोककुमार नेगी ने देश बचाएं, चेन्नई (तमिलनाडु) की रोचिका शर्मा ने मेल-मिलाप बढ़ाएं और अहमदाबाद (गुजरात) के श्यामपलट पांडेय ने मैं तुम्हें आजादी दूंगा शीर्षक रचनाएं पढ़ीं, जिन्हें श्रोताओं की भरपूर सराहना मिली।