आईटी का नोटिस पाने वाले चारों लोग मेहनतमजदूर

एक के बाद एक लगातार मिले रहे नोटिस, जॉच में जुटी पुलिस
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2025-04-04 19:31:09

अलीगढ़। अलीगढ़ में मध्यम और आर्थिक कमजोर वर्ग के लोगों को आयकर विभाग के नोटिस लगातार मिल रहे हैं। इसमें आयकर विभाग करोड़ों के टर्नओवर की बात कह रहा है और पैनकार्ड धारकों से इसका जवाब भी तलब किया है। वहीं दूसरी ओर नोटिस पाने वालों का पूरा परिवार इससे परेशान है। उन्होंने थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया है, मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी है। पूरे दिन में 100-500 रुपए ही कमाने वालों को करोड़ों के नोटिस मिलने की बात किसी को भी हजम नहीं हो रही है। जबकि दिल्ली से लेकर पंजाब तक में इनके नाम पर करोड़ों के कारोबार होने की बात सामने आ रही है। अब पुलिस इस मामले में साइबर टीम की मदद ले रही है। पुलिस का मानना है कि इस मामले में साइबर ठग भी शामिल हो सकते हैं। जिन्होंने दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल किया है। सबसे पहले सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में जूस की दुकान चलाने वाले मो. रईस को 7.79 करोड़ रुपए का नोटिस मिला था। जिसके बाद पूरे जिले में हड़कंप मच गया था और यह चर्च का विषय बन गया था। नोटिस मिलने के बाद रईस ने सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। रईस के बाद गांधीपार्क थाना क्षेत्र में किराए के मकान में रहने वाले ताला कारीगर योगेश को 11.11 करोड़ का नोटिस मिला। फिर चंडौस थाना क्षेत्र निवासी सफाई कर्मी करन वाल्मीकि को 33.89 करोड़ रुपए का नोटिस मिला है। वहीं अब गभाना तहसील के गांव चांदपुर निवासी राजकुमार को 2.25 करोड़ का नोटिस मिला है। आयकर विभाग का नोटिस पाने वाले चारों लोग मेहनत-मजदूरी, चौकीदारी और संविदा नौकरी जैसे काम करते हैं। जिनकी महीने की आय 5-15 हजार रुपए तक ही है। लेकिन इनके पैनकार्ड पर करोड़ों का टर्नओवर हुआ है। यह सारा टर्नओवर 2018-19 के बीच का है। इनके पैनकार्ड पर पंजाब और दिल्ली में फर्में खोली गई और इसमें करोड़ों की खरीद फरोख्त हुई। इनसाइट पोर्टल पर इसकी सूचनाएं अपलोड हुई थी, जिसके बाद आयकर विभाग एक्टिव हो गया। अब माना यह जा रहा है कि गलत तरीके से इन लोगों के पैनकार्ड और आधार कार्ड से फर्म खोलकर यह खरीद फरोख्त की गई है। सिविल लाइंस थाने में इस मामले में जूस विक्रेता ने मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़ित ने बताया था कि अज्ञात लोगों ने गलत तरीके से उसके पैन कार्ड का इस्तेमाल किया। पुलिस ने इस मामले में साइबर टीम की मदद ली है। माना यह जा रहा है कि साइबर अपराधियों ने ही यह जालसाजी की है। साइबर टीम अब इन फर्मों से जुड़े मोबाइल नंबर, वेबवाइट और अन्य चीजों की जांच में जुटी है। पुलिस क्षेत्राधिकारी अभय पांडेय ने बताया कि बीते दिनों पीड़ित ने सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। मामले के खुलासे के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं और पुलिस जल्दी इस मामले का खुलासा करेगी।

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