हकृवि की मूंग की किस्मों को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान की स्टार एग्री सीड्स कंपनी के साथ हुआ समझौता

कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित मूंग की उन्नत किस्मों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है
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2025-04-07 22:32:24

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित मूंग की उन्नत किस्मों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसके लिए विश्वविद्यालय ने तकनीकी व्यवसायीकरण को बढ़ावा देते हुए राजस्थान की स्टार एग्री सीड्स कंपनी के साथ दो समझौतों के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित उन्नत किस्में ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचे, इसके लिए विभिन्न राज्यों की कंपनियों के साथ समझौते (एमओयू) किए जा रहे हैं। उपरोक्त समझौते के तहत विश्वविद्यालय द्वारा विकसित मूंग की दो किस्मों, एम एच 1762 एवं एम एच 1772 का बीज तैयार कर कंपनी किसानों तक पहुंचाएगी ताकि उन्हें इन किस्मों का विश्वसनीय बीज मिल सकें और उनकी पैदावार में इजाफा हो सकें। विश्वविद्यालय की ओर से समझौता ज्ञापन पर अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने तथा राजस्थान की स्टार एग्री सीड्स कंपनी की तरफ से डॉ. विक्रांत खरे ने हस्ताक्षर किए व उनके साथ आशीष सिंह उपस्थित रहे। स्नातकोत्तर शिक्षा अधिष्ठाता डॉ. केडी शर्मा ने बताया कि समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने के बाद अब कंपनी विश्वविद्यालय को लाइसेंस फीस अदा करेगी, जिसके तहत उसे बीज का उत्पादन व विपणन करने का अधिकार प्राप्त होगा। इससे किसानों को भी इस उन्नत किस्म का बीज मिल सकेगा। अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि एम एच 1762 एवं एम एच 1772 किस्में पीला मोज़ैक एवं अन्य रोगों की प्रतिरोधी है। एम एच 1762 किस्म बसंत एवं ग्रीष्म काल में भारत के उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में बिजाई के लिए व एम एच 1772, खरीफ में भारत के उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्रों में काश्त के लिए अनुमोदित की गई है। एम एच 1762 लगभग 60 दिनों में एवं एम एच 1772 लगभग 67 दिनों में एक साथ पक कर तैयार हो जाती हैं। इनके दाने चमकीले हरे रंग के मध्यम आकार के होते है। दोनों ही किस्में सभी प्रचलित किस्मों से 10 -15 प्रतिशत अधिक पैदावार देती है। औसत उपज क्रमश: 14.5 क्ंिवटल तथा 13 .5 क्ंिवटल प्रति हेक्टेयर है। नई किस्में बेहतर प्रबंधन से और भी अच्छे परिणाम देती है व मूंग की अधिकतर बीमारियों के रोगरोधी है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की ओर से ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ सुरेंद्र पाहुजा, मीडिया एडवाइजर डॉ. संदीप आर्य, मानव संसाधन प्रबंधन निदेशालय से डॉ. रेणू मुंजाल, डॉ. योगेश जिंदल, डॉ अनुराग व डॉ. जितेन्द्र भाटिया, पौध प्रजनन विभागाध्यक्ष डॉ. गजराज दहिया, दलहन अनुभाग के अध्यक्ष डॉ राजेश यादव, डॉ. रविका व डॉ. उमा देवी उपस्थित रहे।

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