2025-03-29 16:09:42
अफजलगढ।आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव हज़रत मौलाना फ़ज़लुर्ररहीम और बोर्ड के अन्य पदाधिकारियों की अपील पर आज जामा मस्जिद में जुमातुल विदा की नमाज़ के बाद वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर हज़ारों मुसलमानों ने काली पट्टियाँ बांधकर इस विधेयक का विरोध किया और सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी की। इस अवसर पर अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व विधायक शेख़ सुलेमान ने राष्ट्रपति महोदया से अपील करते हुए कहा कि वक़्फ़ संशोधन विधेयक किसी भी रूप में मुसलमानों को स्वीकार नहीं है। उन्होंने कहा कि मुसलमान अपनी शरीअत में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा और इसके लिए चाहे जितनी भी क़ुर्बानी देनी पड़े हम तैयार हैं। मस्जिद के मुतवल्ली शेख़ इरशाद हुसैन ने कहा कि वक़्फ़ में संशोधन कर सरकार मुसलमानों की उन संपत्तियों में दखल देना चाहती है, जो अल्लाह के नाम पर वक़्फ़ की गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की इस दखलअंदाज़ी को कोई भी मुसलमान बर्दाश्त नहीं करेगा। वक़्फ़ की हिफ़ाज़त सभी मुसलमान मिलकर करेंगे। वक़्फ़ संपत्तियों की आमदनी मस्जिदों, ईदगाहों, कब्रिस्तानों और अन्य कल्याणकारी कार्यों में खर्च की जाती है। यदि सरकार इसमें हस्तक्षेप करेगी तो यह व्यवस्था पूरी तरह से ख़त्म हो जाएगी, जिसे देश का कोई भी मुसलमान बर्दाश्त नहीं करेगा। इस्लामुद्दीन नेता जी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है। बेरोज़गारी और महंगाई से आम जनता परेशान है गरीबों के घरों के चूल्हे नहीं जल रहे हैं, लेकिन सरकार जनता को विभाजित करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मुसलमान किसी भी स्थिति में इस विधेयक को बर्दाश्त नहीं करेगा, भले ही इसके लिए अपनी जान ही क्यों न क़ुर्बान करनी पड़े। तहरीक-ए-तहफ़्फ़ुज़-ए-शरीअत के अध्यक्ष मुफ्ती रियाज़ुद्दीन ने भी इस विधेयक की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस्लाम 1400 साल से चला आ रहा है और क़यामत तक चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार या क़ानून को शरीअत में दखल देने का अधिकार नहीं दिया जा सकता। उन्होंने उन कुछ बिके हुए ज़मीर के लोगों पर भी निशाना साधा जो इस विधेयक के समर्थन में बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग मुसलमानों के हमदर्द होने का ढोंग कर रहे हैं जबकि वास्तव में वे मुसलमानों के दुश्मन हैं। इस विरोध प्रदर्शन में हाफिज़ मोहम्मद फैसल, अनवर मसूद एडवोकेट (सुप्रीम कोर्ट), सभासद कलवा कुरैशी, हाफिज़ मोहम्मद शारून अब्दुल समी सैफी, मोहम्मद इब्राहिम ड्राइवर सलीम भटट्टे वाले, मोहम्मद आमिर, मोहम्मद इरशाद, शमशाद अमीर, डॉक्टर सलमान, हाजी मोहम्मद शमशाद समेत हज़ारों लोगों ने हिस्सा लिया और ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन किया।